नई दिल्ली: केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत 2025 तक अपने पहले मानव मिशन को अंतरिक्ष और गहरे समुद्र में भेजने के लिए तैयार है। यह घोषणा देश के वैज्ञानिक समुदाय और नागरिकों के लिए गर्व का विषय है।
गगनयान: भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन
भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए चार यात्रियों को चुना गया है। इसरो के इस महत्वाकांक्षी परियोजना के अंतर्गत वायु सेना के ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, अजीत कृष्णन, अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
गगनयान मिशन का मुख्य लक्ष्य मानवयुक्त तीन दिवसीय मिशन को अंतरिक्ष में भेजना है, जो पृथ्वी से 400 किमी ऊपर परिक्रमा करेगा और उसके बाद सुरक्षित रूप से वापस आएगा। इस मिशन से भारत अंतरिक्ष में मानव भेजने वाले चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जाएगा।
डीप-सी मिशन: समुद्र की गहराई में भारतीयों की यात्रा
वहीं, भारत का डीप-सी मिशन 2025 में तीन भारतीयों को गहरे समुद्र में ले जाएगा। इस मिशन को समुद्रयान के नाम से जाना जाता है, जो पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की पहल मत्स्य 6000 का हिस्सा है। यह मिशन हिंद महासागर में 6,000 मीटर की गहराई तक जाएगा, जो समुद्र की अनंत गहराईयों का अध्ययन करेगा।
अंतरिक्ष क्षेत्र में स्टार्टअप्स की बढ़ती संख्या
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने अंतरिक्ष क्षेत्र में हालिया प्रगति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 2022 में हमारे पास केवल एक अंतरिक्ष स्टार्टअप था और 2024 में निजी भागीदारी के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र खोलने के बाद हमारे पास लगभग 200 स्टार्टअप हो गए हैं। इनमें से कई स्टार्टअप वैश्विक क्षमता रखते हैं।
निजी निवेश का योगदान
जितेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि कुछ महीनों में ही अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी क्षेत्र का 1,000 करोड़ का निवेश आया है। यह निवेश देश के अंतरिक्ष क्षेत्र में तकनीकी विकास और नवाचार को प्रोत्साहित करेगा, जिससे भारत अंतरिक्ष विज्ञान में अग्रणी बन सकेगा।