नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर एक बड़ा और रणनीतिक फैसला किया है। सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) में व्यापक बदलाव करते हुए पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह फैसला हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के तुरंत बाद लिया गया है, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) में बड़े बदलाव
केंद्र सरकार द्वारा गठित सात सदस्यीय नए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड में निम्नलिखित प्रमुख नाम शामिल किए गए हैं:
- आलोक जोशी – अध्यक्ष, पूर्व प्रमुख, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW)
- एयर मार्शल पी.एम. सिन्हा – पूर्व पश्चिमी वायु कमांडर
- लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. सिंह – पूर्व दक्षिणी सेना कमांडर
- रियर एडमिरल मॉन्टी खन्ना – नौसेना के सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी
- राजीव रंजन वर्मा – सेवानिवृत्त IPS अधिकारी
- मनमोहन सिंह – सेवानिवृत्त IPS अधिकारी
- बी. वेंकटेश वर्मा – सेवानिवृत्त IFS अधिकारी और रूस में पूर्व भारतीय राजदूत
क्या है राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB)?
NSAB एक ऐसा विश्लेषणात्मक और सलाहकार निकाय है, जिसमें सरकार से बाहर के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों को शामिल किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को महत्वपूर्ण विषयों पर सुझाव देना, संभावित संकटों का विश्लेषण करना, और दीर्घकालिक राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के लिए विकल्पों की सिफारिश करना होता है। यह बोर्ड विदेश नीति, आंतरिक सुरक्षा, रक्षा नीति और रणनीतिक योजनाओं में सहयोग करता है।
कौन हैं आलोक जोशी?
आलोक जोशी भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के पूर्व प्रमुख रह चुके हैं। उन्होंने 2012 से 2014 तक RAW का नेतृत्व किया और इस दौरान भारत के रणनीतिक हितों की रक्षा करते हुए कई गुप्त अभियानों में नेतृत्वकारी भूमिका निभाई।
उनकी नियुक्ति को सुरक्षा विशेषज्ञ एक सशक्त कदम मान रहे हैं क्योंकि उनके पास राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खुफिया तंत्र का गहन अनुभव है।

पहलगाम आतंकी हमला बना निर्णय का आधार
यह निर्णय उस वक्त आया है जब पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के कारण पूरा देश शोक और आक्रोश में है। हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत और कई घायल हुए। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की आपात बैठक बुलाई, जिसमें इस बदलाव पर अंतिम निर्णय लिया गया।
एक के बाद एक हाई लेवल मीटिंग्स जारी
पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए लगातार उच्च स्तरीय बैठकों का दौर जारी है:
- CCS बैठक – राष्ट्रीय सुरक्षा के प्राथमिक मुद्दों पर चर्चा
- CCPA (राजनीतिक मामलों की समिति) – क्षेत्रीय राजनीतिक प्रतिक्रियाओं पर विचार
- CCEA (आर्थिक मामलों की समिति) – सुरक्षा तंत्र के लिए बजटीय प्रावधानों पर निर्णय
- पूर्ण कैबिनेट बैठक – सभी मंत्रालयों से समन्वय पर अंतिम निर्णय की घोषणा संभवतः दोपहर 3 बजे के बाद