नई दिल्ली: भारत और चीन के रिश्तों में धीरे-धीरे सुधार के संकेत मिल रहे हैं। इसी क्रम में चीन ने भारत के लिए यूरिया निर्यात पर लगी रोक में आंशिक ढील दी है। आधिकारिक घोषणा भले न हुई हो, लेकिन सूत्रों का कहना है कि भारत को चीन से लगभग 3 लाख टन यूरिया आयात की अनुमति मिल गई है। यह कदम ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी।
भारत दुनिया में यूरिया का सबसे बड़ा आयातक है और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के कारण यहां उर्वरकों की बड़ी मांग रहती है। जून 2020 में लद्दाख की गलवां घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत-चीन संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए थे। हालांकि पिछले कुछ महीनों में हालात में सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी कई मुद्दों पर मतभेद बने हुए हैं।
साल 2023 में चीन के कुल यूरिया निर्यात का लगभग आधा हिस्सा भारत को जाता था, लेकिन पिछले वर्ष चीन ने सभी देशों को यूरिया निर्यात पर रोक लगा दी थी। इस साल जून में चीन ने इस प्रतिबंध में आंशिक ढील दी, हालांकि भारत पर लगी रोक बरकरार रही थी। अब इसे हटाया गया है, जिससे 3 लाख टन यूरिया का आयात संभव होगा।
यद्यपि यह मात्रा बहुत अधिक नहीं है, लेकिन धीरे-धीरे इसमें वृद्धि होने की संभावना है। इससे वैश्विक स्तर पर आपूर्ति बेहतर होगी और कीमतों में कमी आने की उम्मीद है। वर्ष 2024-25 में भारत ने 57 लाख टन यूरिया का आयात किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत कम था। वहीं, चीन से आयात 2023-24 के 18.70 लाख टन से घटकर 2024-25 में लगभग एक लाख टन रह गया था।
भारत सरकार किसानों पर आर्थिक बोझ कम करने के लिए यूरिया पर भारी सब्सिडी देती है। ऐसे में चीन से बढ़े हुए आयात से घरेलू आपूर्ति में स्थिरता और कीमतों में राहत मिलने की संभावना है, जो किसानों के लिए एक सकारात्मक संकेत होगा।