नई दिल्ली: भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर 15 अक्टूबर, 2024 को पाकिस्तान पहुंचेंगे, जहां वे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन में भाग लेंगे। यह यात्रा पिछले कई वर्षों में दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बावजूद, भारत की ओर से पाकिस्तान की पहली उच्च स्तरीय यात्रा मानी जा रही है।
यात्रा का उद्देश्य और महत्व
अधिकारियों के अनुसार, डॉ. जयशंकर इस्लामाबाद पहुंचने के तुरंत बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा आयोजित स्वागत भोज में शामिल होंगे। हालाँकि, दोनों देशों के बीच किसी भी द्विपक्षीय वार्ता से इनकार किया गया है। यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि करीब नौ साल बाद किसी भारतीय विदेश मंत्री का पाकिस्तान दौरा हो रहा है।
डॉ. जयशंकर का पाकिस्तान में रुकने का समय 24 घंटे से कम होगा। वह 15 और 16 अक्टूबर को होने वाले एससीओ शासनाध्यक्ष परिषद (सीएचजी) की बैठक में भाग लेंगे। कश्मीर मुद्दे और सीमा पार आतंकवाद को लेकर दोनों देशों के बीच संबंध अभी भी तनावपूर्ण हैं, ऐसे में इस यात्रा के परिणामों पर सभी की नजरें होंगी।
पिछले दौरों का संदर्भ
भारत की आखिरी विदेश मंत्री, सुषमा स्वराज, ने दिसंबर 2015 में अफगानिस्तान पर एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान का दौरा किया था। इसके बाद से यह पहली बार है जब भारत का उच्चस्तरीय प्रतिनिधि पाकिस्तान की यात्रा कर रहा है।
भारत का रुख
डॉ. जयशंकर की इस यात्रा को भारत के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय के रूप में देखा जा रहा है। हाल ही में एक संबोधन में, उन्होंने कहा था, “किसी भी पड़ोसी देश की तरह, भारत निश्चित रूप से पाकिस्तान के साथ बेहतर संबंध चाहता है, लेकिन यह सीमा पार आतंकवाद को नजरअंदाज करके संभव नहीं है।”
संबंधों में तनाव के कारण
भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में तनाव के कई कारण हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमला: इस हमले के जवाब में भारत के लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर बमबारी की थी।
- अनुच्छेद 370 का निरस्त होना: 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लिए जाने के बाद से संबंध और बिगड़ गए। इसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने राजनयिक संबंधों को सीमित कर लिया।
पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने मई 2023 में भारत की यात्रा की थी, जो करीब 12 वर्षों बाद किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की भारत यात्रा थी।