पाकिस्तान में चैंपियंस ट्रॉफी: अगले साल पाकिस्तान में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने वहां भारतीय टीम को भेजने से इनकार कर दिया है। खबरों की मानें तो टीम इंडिया अपने मुकाबले श्रीलंका या दुबई में खेल सकती है। इस बीच, अफगानिस्तान के मुकाबले भी पाकिस्तान से बाहर कराने की डिमांड उठी है।
वजमा अय्यूबी की चिंता: अफगानिस्तान के मैच पाकिस्तान से बाहर हों
अफगानिस्तान की प्रमुख सेलेब्रिटी वजमा अय्यूबी ने सोशल मीडिया पर दावा किया है कि अफगानिस्तान की टीम पाकिस्तान में सुरक्षित नहीं है और उनके मुकाबले वहां से बाहर होने चाहिए। उन्होंने इस्लामाबाद में हुए एक हालिया हत्याकांड का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान में कोई सुरक्षित नहीं है।
इस्लामाबाद में दिनदहाड़े मशहूर पश्तो कवि गिलामन वजीर की हत्या ने सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है। 7 जुलाई को गिलामन वजीर एक सभा को संबोधित कर रहे थे, जब उग्र भीड़ ने उनपर हमला कर दिया। उन्हें चाकू मारने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन गुरुवार को उन्होंने दम तोड़ दिया। वजमा अय्यूबी ने इस घटना का हवाला देते हुए आईसीसी से मांग की कि अफगानिस्तान के मैच कहीं और आयोजित किए जाएं।
बीसीसीआई का स्पष्ट रुख: टीम इंडिया का पाकिस्तान जाना नामुमकिन
दूसरी ओर, बीसीसीआई ने भी स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय टीम पाकिस्तान में नहीं खेलेगी। रिपोर्ट्स के अनुसार, कई भारतीय खिलाड़ियों ने भी पाकिस्तान जाने से इनकार कर दिया है। यह फैसला बीसीसीआई के हाथ में भी नहीं है। पाकिस्तान जाने से पहले उसे भारत सरकार से इजाजत लेनी होगी, और इस स्थिति में इजाजत मिलना लगभग असंभव है।
बीसीसीआई के इस फैसले से पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की उम्मीदों को झटका लगा है। पीसीबी का मानना था कि टीम इंडिया उसके मुल्क में चैंपियंस ट्रॉफी खेलेगी, लेकिन यह स्पष्ट है कि बीसीसीआई रोहित शर्मा और उनकी टीम को वहां नहीं भेजेगा।
सुरक्षा चिंताएँ: आईसीसी पर बढ़ा दबाव
इन घटनाओं और रिपोर्ट्स के बाद आईसीसी पर दबाव बढ़ गया है कि वह सुरक्षा के मामले में कड़े कदम उठाए। पाकिस्तान में मौजूदा सुरक्षा स्थिति को देखते हुए, कई देशों के खिलाड़ियों और अधिकारियों ने चिंता जताई है।
इस बीच, क्रिकेट फैंस और विशेषज्ञ भी इस मुद्दे पर अपनी राय दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर चर्चा गर्म है और सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि आईसीसी इस पर क्या कदम उठाएगी।