नई दिल्ली: सोमवार को आयोजित प्रेस ब्रीफिंग में ऑपरेशन सिंदूर के बारे में तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित किया। इस ब्रीफिंग में वाइस एडमिरल ए एन प्रमोद, मेजर जनरल एसएस शारदा, एयर मार्शल एके भारती और डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई मौजूद रहे।
एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि भारत की कार्यवाही पूरी तरह से आतंकियों के खिलाफ थी और पाकिस्तानी सेना ने जानबूझकर इसे अपनी लड़ाई बना लिया।

“केवल आतंकी ठिकानों को बनाया गया निशाना” – एयर मार्शल एके भारती
एयर मार्शल ने दो टूक कहा, “हमारी लड़ाई केवल आतंकियों और आतंकवाद के खिलाफ है।“
उन्होंने 7 मई को हुए ऑपरेशन का हवाला देते हुए बताया कि भारतीय वायुसेना ने सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर केवल आतंकियों के ठिकानों को ही निशाना बनाया।
#WATCH | #OperationSindoor | दिल्ली: एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा, "हमारी लड़ाई आतंकवाद और आतंकवादियों के खिलाफ थी इसलिए हमने 7 मई को केवल आतंकवादी ठिकानों पर ही हमला किया था। अफसोस इस बात का है कि पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादियों का साथ देना उचित समझा और इस लड़ाई को अपनी लड़ाई… pic.twitter.com/8Pb2FMdK2p
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 12, 2025
उन्होंने पाकिस्तानी सेना को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “पाकिस्तान ने आतंकियों को समर्थन देकर इस लड़ाई को अपना बना लिया। जो नुकसान हुआ है, उसके लिए पाकिस्तानी सेना स्वयं जिम्मेदार है।“
भारतीय सैन्य ठिकाने पूरी तरह सुरक्षित और सक्रिय
एयर मार्शल भारती ने पाकिस्तान द्वारा किए गए झूठे दावों की पोल खोलते हुए ऑपरेशन सिंदूर के वास्तविक लक्ष्यों की उच्च गुणवत्ता वाली सैटेलाइट तस्वीरें भी मीडिया को दिखाई।
उन्होंने स्पष्ट किया, “हमारे सभी सैन्य अड्डे, उपकरण और प्रणाली पूरी तरह से कार्यशील हैं। भारतीय वायुसेना किसी भी स्थिति में अपने अगले मिशन के लिए तत्पर है।“
उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत की एयर डिफेंस प्रणाली किसी भी घुसपैठ को रोकने में पूरी तरह सक्षम है और इसे भेदना दुश्मनों के लिए असंभव है।
#WATCH दिल्ली | एयर मार्शल ए.के. भारती ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना द्वारा निशाना बनाए गए लक्ष्यों की समग्र तस्वीर पेश की। pic.twitter.com/WnBXq7B7Af
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 12, 2025
डीजीएमओ का बड़ा बयान: “पाप का घड़ा भर चुका था”
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की आवश्यकता आतंकियों की बढ़ती गतिविधियों और आम नागरिकों को निशाना बनाए जाने की वजह से पड़ी।
उन्होंने बताया कि 2024 में शिवखोड़ी मंदिर के तीर्थयात्रियों पर हमला और हाल ही में पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले आतंकियों की कायरता का प्रमाण हैं।

उनके शब्दों में: “अब आतंकी सेना के साथ-साथ आम नागरिकों को भी निशाना बना रहे थे, जिससे स्पष्ट हो गया कि आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाना आवश्यक हो गया था।“