नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हालिया आतंकी हमले के बाद भारत सरकार की प्रतिक्रिया तेज़ होती दिखाई दे रही है। इसी क्रम में भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर महत्वपूर्ण मुलाकात की। यह बैठक लगभग 40 मिनट तक चली, जिसके बाद वायुसेना प्रमुख पीएम आवास से रवाना हो गए।
यह मुलाकात इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि इससे ठीक एक दिन पहले नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने भी पीएम मोदी से विस्तृत बातचीत की थी। साथ ही, 30 अप्रैल को थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, और इससे पहले 26 अप्रैल को तीनों सेनाओं के प्रमुखों, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के साथ पीएम मोदी की बैठकें हो चुकी हैं।

सैन्य प्रमुखों के साथ प्रधानमंत्री की लगातार बैठकों का क्रम
दिनांक | मुलाकात | उपस्थिति | प्रमुख विषय |
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26 अप्रैल | संयुक्त बैठक | तीनों सेना प्रमुख, NSA, रक्षामंत्री, CDS | पाकिस्तान के खिलाफ संभावित रणनीति |
30 अप्रैल | थलसेना प्रमुख जनरल द्विवेदी | जयशंकर, डोभाल | सीमा पर सैन्य स्थिति |
3 मई | नौसेना प्रमुख एडमिरल त्रिपाठी | एकल बैठक | नौसेना की तैयारी |
4 मई | वायुसेना प्रमुख ए. पी. सिंह | एकल बैठक | हवाई रणनीति और ऑपरेशनल तैयारियां |
प्रधानमंत्री मोदी ने दी सेनाओं को “ऑपरेशनल फ्रीडम”
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों सेनाओं को समय, स्थान और प्रतिक्रिया के तरीकों के चयन में पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान की है। उनका स्पष्ट निर्देश है कि पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई अब समय की मांग है और कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा।
“अब जवाब होगा सटीक और संतुलित” – यह संदेश पीएम मोदी ने अपने सैन्य नेतृत्व को स्पष्ट रूप से दे दिया है।
ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड ने रद्द की सभी कर्मचारियों की छुट्टियां
देशभर में बढ़ती सैन्य तैयारियों के बीच ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (OFB) ने सभी कर्मचारियों की छुट्टियों को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। रक्षा उपकरणों और हथियारों की आपूर्ति बढ़ाने हेतु यह कदम उठाया गया है। यह संकेत है कि भारत की सैन्य रणनीति अब “उच्चतम सतर्कता स्तर” पर पहुंच चुकी है।

पहलगाम हमला: राष्ट्रीय सुरक्षा पर सीधा प्रहार
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले ने भारत की सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है। इस हमले में कई सुरक्षाकर्मी घायल हुए और एक बड़ा सुरक्षा खतरा सामने आया। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी गुटों का हाथ है।
पाकिस्तान को सख्त संदेश
केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि भारत अब “आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई” करेगा। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, पहलगाम हमले के दोषियों और साजिशकर्ताओं को कड़ी सज़ा दी जाएगी, चाहे वे सीमा के इस पार हों या उस पार। विपक्ष ने भी सरकार के निर्णयों का समर्थन करते हुए कहा है कि “राष्ट्र की सुरक्षा सर्वोपरि है।”