उत्तर प्रदेश: प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान धर्म संसद का आयोजन हुआ, जिसमें कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए ‘सनातन बोर्ड’ के गठन की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि चारों शंकराचार्य और वैष्णव आचार्य मिलकर इस बोर्ड की संरचना तय करेंगे।
सनातन बोर्ड के गठन पर जोर
देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि बांग्लादेश और पाकिस्तान में हिंदुओं के लिए कोई बोर्ड नहीं है, लेकिन भारत में वक्फ बोर्ड मौजूद है, जो हिंदू आस्थाओं पर लगातार दावे कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड प्रयागराज की कुंभ भूमि को अपनी संपत्ति बता रहा है और भविष्य में पूरे भारत पर दावा करने की कोशिश कर सकता है।
वक्फ बोर्ड को दी चेतावनी
अपने संबोधन में उन्होंने वक्फ बोर्ड को सीधी चेतावनी देते हुए कहा—
“अगर वक्फ बोर्ड कायदे में रहेगा तो फायदे में रहेगा, लेकिन अगर सीमा लांघी तो हिंदू समाज उसे बर्दाश्त नहीं करेगा।”
उन्होंने हिंदुओं से आह्वान किया कि वे अपने अधिकारों के लिए संगठित हों और सनातन धर्म की रक्षा करें।
’15 मिनट’ वाले बयान पर पलटवार
देवकीनंदन ठाकुर ने धर्म संसद में ‘15 मिनट’ वाले बयान पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा—
“अगर हिंदू समाज एकजुट होकर आगे बढ़े, तो किसी में इतनी ताकत नहीं कि उनकी आस्था पर हमला कर सके।”
हिंदू समाज को एकजुट रहने की अपील
उन्होंने कहा कि—
“हिंदुओं को अब यह तय करना होगा कि वे विभाजित नहीं होंगे, कटेंगे नहीं, बल्कि एक रहेंगे और सुरक्षित रहेंगे।”
सनातन धर्म को लेकर बड़ा संदेश
देवकीनंदन ठाकुर ने धर्म संसद के मंच से हिंदू समाज को एकजुट रहने का संदेश दिया और सनातन धर्म की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करने का संकल्प लिया।
राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल
देवकीनंदन ठाकुर के इस बयान के बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। सनातन बोर्ड के गठन की मांग और वक्फ बोर्ड को लेकर उठे सवालों पर आने वाले दिनों में और प्रतिक्रियाएं देखने को मिल सकती हैं।