उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में रविवार को देवी दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के दौरान गोलीबारी और पथराव की घटना से इलाके में भारी तनाव फैल गया। इस घटना के बाद से क्षेत्र में हिंसा और विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया, जिसके चलते स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस और प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करनी पड़ी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर सख्त रुख अपनाते हुए तत्काल प्रभाव से कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
एसएचओ और चौकी प्रभारी निलंबित, 25 लोग गिरफ्तार
घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने हरदी थाने के एसएचओ और महसी चौकी प्रभारी को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया है। पुलिस की प्राथमिक जांच में पाया गया कि इन अधिकारियों द्वारा स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए गए, जिसके चलते विवाद बढ़ा और माहौल तनावपूर्ण हो गया। इसके साथ ही पुलिस ने दोनों पक्षों से कुल 25 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। गिरफ्तार किए गए लोगों में प्रमुख उपद्रवी सलमान समेत अन्य आरोपियों के नाम शामिल हैं। पुलिस ने घटना में शामिल अन्य लोगों की पहचान के लिए भी विशेष टीमें गठित की हैं।
घटना का घटनाक्रम
यह घटना हरदी थाना क्षेत्र के महाराजगंज कस्बे से रेहुआ मंसूर गांव तक निकाले गए मूर्ति विसर्जन जुलूस के दौरान हुई। विसर्जन यात्रा के दौरान डीजे को लेकर दूसरे समुदाय के कुछ लोगों ने आपत्ति जताई, जिससे विवाद बढ़ गया। इसके बाद दोनों पक्षों में पथराव और गोलीबारी शुरू हो गई, जिसमें रेहुआ मंसूर गांव के निवासी राम गोपाल मिश्रा (22) गंभीर रूप से घायल हो गए। मिश्रा को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस घटना के बाद इलाके में तनाव और बढ़ गया, और प्रशासन को मूर्ति विसर्जन अस्थायी रूप से रोकना पड़ा।
पुलिस पर मूकदर्शक बने रहने का आरोप
घटना के दौरान पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। आरोप है कि विवाद के बढ़ने के बावजूद मौके पर मौजूद पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। बताया जा रहा है कि जब विसर्जन यात्रा के दौरान पथराव शुरू हुआ, तब पूजा समिति के लोगों ने इसका विरोध किया, लेकिन पुलिस ने उन पर ही लाठीचार्ज कर दिया, जिससे भगदड़ मच गई और माहौल और अधिक तनावपूर्ण हो गया।
एसपी वृंदा शुक्ला की प्रतिक्रिया
इस मामले में बहराइच की एसपी वृंदा शुक्ला ने जानकारी दी कि सलमान नामक उपद्रवी सहित अन्य को नामजद किया गया है और उनकी गिरफ्तारी के लिए टीमें भेजी जा चुकी हैं। उन्होंने बताया कि बवाल के बाद प्रशासन ने 1100 मूर्तियों के विसर्जन को रोका था, लेकिन उपद्रवियों की गिरफ्तारी के बाद मूर्ति विसर्जन प्रक्रिया पुनः शुरू हो गई है। रामलीला समिति के लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने पर मूर्तियों का विसर्जन शुरू कर दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त रुख
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को लेकर सख्त कदम उठाने का आदेश दिया है। उन्होंने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को उपद्रवियों की पहचान कर कठोरतम कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि धार्मिक संगठनों के साथ समन्वय स्थापित कर समय पर मूर्ति विसर्जन की प्रक्रिया पूरी की जाए। साथ ही उन्होंने यह स्पष्ट किया कि जिन अधिकारियों की लापरवाही से यह घटना हुई है, उन्हें चिह्नित कर तुरंत कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था को किसी भी सूरत में बिगड़ने नहीं दिया जाएगा और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।