कोलकाता, पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल में शुक्रवार देर रात सेकंड हुगली ब्रिज पर भाजपा सांसद और कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस अभिजीत गांगुली और तृणमूल कांग्रेस सरकार के मंत्री बाबुल सुप्रियो के बीच कार की तेज रफ्तार को लेकर तीखी नोकझोंक हो गई। इस घटना के कारण कुछ समय के लिए ट्रैफिक बाधित रहा और पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
सेकंड हुगली ब्रिज पर हुआ विवाद
घटना तब हुई जब भाजपा सांसद की कार सेकंड हुगली ब्रिज से हावड़ा की ओर जा रही थी। आरोप है कि सांसद की कार बहुत तेज गति से चल रही थी। उसी समय मंत्री बाबुल सुप्रियो भी ब्रिज से गुजर रहे थे और हावड़ा के शिवपुर स्थित अपने फ्लैट लौट रहे थे। बाबुल सुप्रियो ने तेज रफ्तार कार को देखकर उसके चालक को गति कम करने की सलाह दी।
गति को लेकर हुई नोकझोंक
तेज रफ्तार कार को लेकर बाबुल सुप्रियो और भाजपा सांसद अभिजीत गांगुली के बीच बहस शुरू हो गई। बाबुल सुप्रियो ने कहा कि वह धीमी गति से अपनी कार चला रहे थे, जबकि सांसद की कार अत्यधिक तेज गति से चल रही थी और अन्य वाहनों को ओवरटेक कर रही थी। उन्होंने चालक को गाड़ी धीरे चलाने की नसीहत दी, जिससे सांसद नाराज हो गए।
Yesterday, MP Shri. Abhijit Ganguly was casually passing through the second Hooghly Bridge when TMC MLA Babul Supriyo stopped his car & started harassing him. It's quite surprising to see Mr. Supriyo acting as the police now. Our MP remained calm & didnt bother answering to him. pic.twitter.com/ha90chunkc
— Sudhanidhi Bandyopadhyay (@SudhanidhiB) January 4, 2025
पुलिस ने किया हस्तक्षेप
घटना के दौरान कोलकाता और हावड़ा पुलिस के जवान तुरंत मौके पर पहुंचे और बीच-बचाव कर स्थिति को नियंत्रित किया। इस बीच कुछ समय के लिए सेकंड हुगली ब्रिज पर ट्रैफिक बाधित हो गया था, लेकिन पुलिस ने जल्द ही वाहनों की आवाजाही सामान्य कर दी।
घटना से गरमाई राजनीति
घटना के बाद भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। भाजपा नेताओं का कहना है कि बाबुल सुप्रियो ने जानबूझकर सांसद को निशाना बनाया, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने सड़क सुरक्षा को लेकर सांसद की आलोचना की।
बाबुल सुप्रियो का बयान
बाबुल सुप्रियो ने कहा, “मैंने केवल चालक को धीमी गति से गाड़ी चलाने की सलाह दी थी, ताकि दुर्घटना से बचा जा सके। यह सलाह देना मेरा कर्तव्य था, लेकिन भाजपा सांसद ने इसे गलत तरीके से लिया और अनावश्यक बहस शुरू कर दी।”
यह घटना सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है। विशेषज्ञों ने सड़क सुरक्षा नियमों के पालन और सार्वजनिक व्यक्तियों से संयमित व्यवहार की अपेक्षा पर जोर दिया है।