झुंझुनूं, 23 फरवरी 2025: प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत ने रविवार को झुंझुनूं में मीडिया से बातचीत के दौरान स्पष्ट किया कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर कोई भी अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है।
“हमारे परिवार में बुजुर्गों के लिए सम्मानजनक संबोधन होते हैं”
गहलोत ने कहा कि “हम अपने परिवार में बुजुर्गों को दादा-दादी, माता-पिता, ताऊ-ताई जैसे सम्मानजनक शब्दों से संबोधित करते हैं। यह हमारी संस्कृति और हिंदी भाषा की परंपरा का हिस्सा है।” उन्होंने आगे कहा कि “इंदिरा गांधी कांग्रेस की एक बड़ी नेता रही हैं, और उनकी पार्टी के नेता खुद उन्हें मंच से दादी कहकर संबोधित करते रहे हैं।”
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“राजनीतिक लाभ के लिए मुद्दा बनाया जा रहा”
प्रभारी मंत्री ने कहा कि “सलमान खुर्शीद, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी खुद सार्वजनिक मंचों पर इंदिरा गांधी को दादी कहते हैं और उनके बलिदान की बात करते हैं। मैंने भी यही शब्द इस्तेमाल किया है, लेकिन इसे बेवजह राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।”
गहलोत ने जोर देकर कहा कि “मैंने कोई भी असंसदीय या अपमानजनक शब्द नहीं कहा है। यदि कांग्रेस को मेरे द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द पर आपत्ति है और यदि इसे असंसदीय माना जाता है, तो इसे विधानसभा की कार्यवाही से हटाया जा सकता है। मैं पार्टी और विधायक दल के नेताओं के निर्णय का सम्मान करूंगा।”
“विपक्ष को साथ लेकर चलना हमारी प्राथमिकता”
गहलोत ने स्पष्ट किया कि सरकार की प्राथमिकता विपक्ष को साथ लेकर चलने की है, ताकि “जनता से जुड़े मुद्दों पर सार्थक चर्चा हो सके।” उन्होंने यह भी कहा कि “विधानसभा में विधायकों को इसलिए निलंबित किया गया क्योंकि वे कार्यवाही बाधित कर रहे थे।”
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उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि “इंदिरा गांधी के नाम पर योजनाओं की घोषणा तो कर दी गई थी, लेकिन उसके लिए कोई फंड जारी नहीं किया गया था। हमारी सरकार विकास कार्यों को प्राथमिकता दे रही है और बजट की समीक्षा के लिए यह बैठक आयोजित की गई है।”
गहलोत के इस बयान के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि उनकी टिप्पणी का उद्देश्य किसी का अपमान करना नहीं था, बल्कि यह सामान्य पारिवारिक भाषा का हिस्सा था।