नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को कैबिनेट बैठक में देश के दो बड़े रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इन परियोजनाओं के माध्यम से देश में कनेक्टिविटी को और सुदृढ़ किया जाएगा, जिससे यातायात सुगम होगा, लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। इसके साथ ही यह परियोजनाएं पर्यावरण संरक्षण और देश की ऊर्जा निर्भरता को कम करने में भी सहायक साबित होंगी।
अमरावती रेलवे लाइन परियोजना
कैबिनेट ने 57 किलोमीटर लंबी अमरावती रेलवे लाइन को हरी झंडी दे दी है। इस परियोजना की कुल लागत 2245 करोड़ रुपये आंकी गई है। आंध्र प्रदेश में अमरावती को रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए यह एक महत्वाकांक्षी कदम है, जो राज्य के आर्थिक और सांस्कृतिक विकास को प्रोत्साहित करेगा। इस परियोजना के तहत कृष्णा नदी पर 3.2 किलोमीटर लंबा नया पुल भी बनाया जाएगा, जो राज्य के मल्टी-मॉडल परिवहन ढांचे का एक हिस्सा होगा।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि इस परियोजना से हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता जैसे प्रमुख महानगरों को अमरावती से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही अमरावती के प्रमुख पर्यटन स्थल जैसे अमरावती स्तूप, कोंडावली गुफाएं और विभिन्न बंदरगाह भी इस रेल लाइन से सीधे जुड़ जाएंगे। इस परियोजना से लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा और आंध्र प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। पर्यावरण के प्रति सजगता को ध्यान में रखते हुए इस परियोजना को मंजूरी दी गई है, जिससे कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में भी कमी आएगी।
बिहार को छठ का तोहफा
कैबिनेट ने बिहार को छठ पर्व के अवसर पर एक बड़ा तोहफा दिया है। उत्तर बिहार की महत्वपूर्ण रेलवे लाइन को डबल करने की मंजूरी दी गई है, जिससे प्रदेश के प्रमुख शहरों और उत्तर-पूर्वी राज्यों के बीच यातायात की सुगमता बढ़ेगी। इस परियोजना की कुल लंबाई 256 किलोमीटर है, जिसमें नरकटियांग, रक्सौल, सीतामढ़ी, दरभंगा और मुजफ्फरपुर के बीच रेलवे लाइन को डबल किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट की लागत 4553 करोड़ रुपये आंकी गई है।
इस परियोजना के अंतर्गत लगभग 40 नए पुलों का निर्माण भी किया जाएगा, जो उत्तर बिहार और उत्तर पूर्वी राज्यों के बीच परिवहन नेटवर्क को मजबूत करेंगे। इससे पूर्वी-पश्चिमी चंपारण, दरभंगा और मुजफ्फरपुर जैसे क्षेत्रों में व्यापारिक और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
स्पेस सेक्टर को भी मिली मजबूती
कैबिनेट बैठक में केवल रेलवे परियोजनाओं को ही नहीं, बल्कि भारत के स्पेस सेक्टर को भी मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सरकार ने इस क्षेत्र में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए 1000 करोड़ रुपये के वेंचर कैपिटल फंड की स्थापना की घोषणा की है।
रेल मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश का इनोवेशन और स्टार्टअप इकोसिस्टम तेजी से विकसित हुआ है। आज भारत में 100 से अधिक यूनिकॉर्न कंपनियां हैं, जोकि यूरोपीय संघ के कई अमीर देशों से भी ज्यादा हैं। इस फंड से स्पेस सेक्टर में नवाचार और नई तकनीकों के विकास को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारत इस क्षेत्र में एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभर सकेगा।