नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 और 22 दिसंबर 2024 को कुवैत के आधिकारिक दौरे पर जाएंगे। यह दौरा ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि 43 वर्षों बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का कुवैत में यह पहला दौरा है। 1981 में इंदिरा गांधी ने कुवैत का दौरा किया था। प्रधानमंत्री मोदी को यह निमंत्रण कुवैत के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा ने दिया है।
दौरे का उद्देश्य और महत्व
विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस दौरे को भारत और कुवैत के द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने का महत्वपूर्ण अवसर बताया है। रक्षा, व्यापार, और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के अलावा प्रधानमंत्री भारतीय प्रवासी समुदाय से संवाद करेंगे। कुवैत में भारतीय प्रवासी सबसे बड़ा समूह है, जो दोनों देशों के रिश्तों की नींव को और मजबूत बनाता है।
कार्यक्रम का विवरण
शनिवार, 21 दिसंबर 2024
- 09:15 बजे (IST): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली से कुवैत के लिए रवाना होंगे।
- 11:35 बजे (स्थानीय समय): कुवैत के अमीरी टर्मिनल पर प्रधानमंत्री का औपचारिक स्वागत।
- 14:50 – 15:20 बजे: गल्फ स्पिक श्रमिक शिविर का दौरा।
- 15:50 – 16:50 बजे: शेख साद अल अब्दुल्ला इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में भारतीय समुदाय के लिए कार्यक्रम।
- 18:30 – 19:30 बजे: गल्फ कप (फुटबॉल) उद्घाटन समारोह।
रविवार, 22 दिसंबर 2024
- 10:00 – 10:05 बजे: बायान पैलेस में गार्ड ऑफ ऑनर।
- 10:30 – 10:45 बजे: कुवैत के अमीर से मुलाकात।
- 11:00 – 11:30 बजे: कुवैत के क्राउन प्रिंस से मुलाकात।
- 11:30 – 12:30 बजे: कुवैत के प्रधानमंत्री से मुलाकात और समझौतों (एमओयू) पर हस्ताक्षर।
- 13:00 बजे: प्रेस ब्रीफिंग।
- 15:30 बजे: प्रधानमंत्री कुवैत से नई दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे।
- 22:00 बजे (IST): वायुसेना स्टेशन पालम, नई दिल्ली पर आगमन।
द्विपक्षीय व्यापार और ऊर्जा सहयोग
भारत और कुवैत के बीच द्विपक्षीय व्यापार वित्तीय वर्ष 2023-24 में 10.47 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। कुवैत भारत का छठा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता है, जो भारत की ऊर्जा जरूरतों का लगभग 3% पूरा करता है। भारतीय निर्यात ने पहली बार 2 अरब अमेरिकी डॉलर का आंकड़ा पार किया है, जबकि कुवैत के निवेश 10 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हैं।
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध
भारत और कुवैत के संबंध ऐतिहासिक रूप से मजबूत रहे हैं। प्राचीन समय में दोनों देशों के बीच समुद्री व्यापार कुवैत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ था। लकड़ी, अनाज, कपड़े और मसाले के बदले कुवैत भारत से खजूर, अरबी घोड़े और मोती ले जाता था। 1961 तक भारतीय रुपया कुवैत की कानूनी मुद्रा थी।
1961 में दोनों देशों के बीच औपचारिक राजनयिक संबंध स्थापित हुए। शुरुआत में भारत ने कुवैत में व्यापार आयुक्त के रूप में प्रतिनिधित्व किया। 2013 में कुवैत के प्रधानमंत्री ने भारत का दौरा किया था, और 2017 में कुवैत के अमीर ने भारत की निजी यात्रा की थी।
भारतीय समुदाय की भूमिका
कुवैत में भारतीय समुदाय लगभग 10 लाख की संख्या में है। वे न केवल कुवैत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, बल्कि भारत-कुवैत संबंधों को भी मजबूत करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी भारतीय समुदाय के साथ संवाद करेंगे और उनकी चिंताओं और सुझावों पर चर्चा करेंगे।