नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप’ (SOUL) के लीडरशिप कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए राष्ट्र निर्माण में नागरिकों के विकास को एक अहम पहलू बताया। इस दौरान पीएम मोदी ने यह भी कहा कि हर क्षेत्र के नेताओं का विकास आवश्यक है और देश को भविष्य में लीडरशिप में सुधार की आवश्यकता है, जिससे एक मजबूत और सक्षम राष्ट्र का निर्माण हो सके।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “राष्ट्र निर्माण के लिए नागरिकों का विकास बहुत आवश्यक है। यह केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर एक नागरिक को इसमें अपना योगदान देना होगा।”

हर क्षेत्र में लीडर्स का विकास है जरूरी
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीय नेताओं का विकास बेहद जरूरी है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि फ्यूचर लीडर्स को बनाने के लिए उनसे काम करना और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन देना बहुत आवश्यक है। मोदी ने कहा, “स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप (SOUL) की स्थापना ‘विकसित भारत’ की यात्रा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। बहुत जल्द SOUL का एक विशाल परिसर बनकर तैयार हो जाएगा, जो देश में लीडरशिप के नए मानक स्थापित करेगा।”
विकसित भारत की दिशा में हर भारतीय का योगदान
प्रधानमंत्री ने बताया कि हर भारतीय आज 21वीं सदी के ‘विकसित भारत’ के निर्माण में दिन-रात काम कर रहा है। उन्होंने कहा, “हमारे देश में 140 करोड़ नागरिक हैं, और हर क्षेत्र, हर वर्टिकल, और जीवन के हर पहलू में हमें उत्तम से उत्तम लीडरशिप की आवश्यकता है।”
मजबूत लीडरशिप पर भारत का भविष्य निर्भर
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि आने वाले समय में जब भारत कूटनीति से लेकर तकनीकी नवाचार तक एक नई लीडरशिप को आगे बढ़ाएगा, तो देश के हर क्षेत्र में भारत का दबदबा कई गुना बढ़ेगा। “इसका मतलब है कि भारत का पूरा विजन और भविष्य एक मजबूत लीडरशिप पैदा करने पर निर्भर करेगा। हमें ग्लोबल थिंकिंग और लोकल उपब्रिंगिंग के साथ आगे बढ़ना है,” मोदी ने कहा।

गुजरात लीडरशिप का बेहतरीन उदाहरण
पीएम मोदी ने गुजरात और महाराष्ट्र के अलग होने के संदर्भ में गुजरात को लीडरशिप का बेहतरीन उदाहरण बताया। उन्होंने कहा, “जब गुजरात अलग हुआ था, तो राज्य के पास कुछ नहीं था। न कोयला था, न पानी, केवल नमक ही था। लेकिन मजबूत लीडरशिप ने राज्य को बेहतर बना दिया।”