पिलानी: मारिगसर निवासी राजेंद्र सैन ने अपनी बेटी अलका की शादी में एक अनूठी पहल पेश करते हुए मेहमानों को दहेज के बजाय फलदार पौधे भेंट किए।
राजेंद्र सैन की बेटी अलका की शादी 15 जुलाई को भगिना निवासी अध्यापक सुनील के साथ हुई।
परंपरा को बदला:
आमतौर पर लगन समारोह में मेहमानों को लड़की वालों की तरफ से दहेज के तौर पर नकद रूपए दिए जाते हैं। लेकिन सैन परिवार ने वर्षों से चली आ रही इस परंपरा को बदलते हुए सभी मेहमानों को एक-एक फलदार पौधा भेंट करके नई मिसाल कायम की।
351 पौधे वितरित:
समारोह में 351 फलदार पौधे वितरित किए गए।
सैन परिवार की इस पहल का समारोह में उपस्थित सभी मेहमानों और ग्रामवासियों ने स्वागत किया और कहा कि ऐसी परंपरा सभी समाज के लोगों को अपनानी चाहिए।
पर्यावरण सुधार का संदेश:
यह पहल न केवल दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराई को दूर करती है, बल्कि पर्यावरण सुधार का भी संदेश देती है।
समारोह में उपस्थित:
समारोह में पर्यावरण सुधार समिति के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल, सीबीईओ संदीप चाहर (पिलानी), प्रधानाचार्य देवेंद्र झाझडिया, सहायक प्रशासनिक अधिकारी पवन शर्मा (ब्लॉक पिलानी), डॉ. महेंद्र सैन, एसआई राजस्थान पुलिस, सुरेश सैन (मारिगरसर), धर्मपाल सैन (भगिना), डॉ. सुरेंद्र, दिलीप, विजेंद्र डारा (सहायक प्रशासनिक अधिकारी), संजय शेखावत, महेंद्र, बीरबल सैन (मारिगरसर) सहित भारी संख्या में मेहमान और ग्रामवासी उपस्थित रहे।
यह पहल निश्चित रूप से समाज में एक सकारात्मक बदलाव ला सकती है और लोगों को दहेज जैसी कुप्रथाओं के खिलाफ प्रेरित कर सकती है।