पाकिस्तान: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए भीषण आतंकी हमले ने भारत को झकझोर दिया। इस हमले में 28 निर्दोष लोगों की जान चली गई। हमला बेहद योजनाबद्ध तरीके से किया गया था, जिसे भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद की साजिश करार दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना के दो दिन बाद 24 अप्रैल को कड़ा संदेश देते हुए कहा था कि “भारत पहलगाम नरसंहार में शामिल हर आतंकवादी और उनके समर्थकों को दुनिया के किसी भी कोने में खोज निकालेगा और दंडित करेगा।” उन्होंने सशस्त्र बलों को आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की खुली छूट दी।

पाकिस्तान में घबराहट: आधी रात को की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस
भारत के रुख के बाद पाकिस्तान में अफरातफरी का माहौल है। पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने मंगलवार देर रात लगभग 1:30 बजे आपातकालीन प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए दावा किया कि उन्हें विश्वसनीय खुफिया जानकारी मिली है कि “भारत अगले 24 से 36 घंटों के भीतर सैन्य हमला कर सकता है।”
तरार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी यह संदेश साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत पहलगाम हमले को झूठे बहाने की तरह इस्तेमाल करके पाकिस्तान पर हमला कर सकता है।
Pakistan has credible intelligence that India intends carrying out military action against Pakistan in the next 24-36 hours on the pretext of baseless and concocted allegations of involvement in the Pahalgam incident.
— Attaullah Tarar (@TararAttaullah) April 29, 2025
Indian self assumed hubristic role of Judge, Jury and… pic.twitter.com/WVW6yhxTJ0
पाकिस्तानी मंत्रियों की चेतावनी और सफाई
तरार ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा, “किसी भी आक्रामक कार्रवाई का निर्णायक जवाब दिया जाएगा। पाकिस्तान खुद आतंकवाद का शिकार रहा है और दुनिया में हमेशा इसकी निंदा की है।”
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वह इस गंभीर स्थिति को समझे और हस्तक्षेप करे। साथ ही पाकिस्तान ने एक तटस्थ आयोग द्वारा हमले की जांच कराने की पेशकश भी की।
पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने रॉयटर्स को दिए बयान में कहा कि पाकिस्तान हाई अलर्ट पर है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि “हम परमाणु हथियारों का इस्तेमाल तभी करेंगे जब देश के अस्तित्व पर सीधा खतरा होगा।”

भारत का जवाब: कूटनीति से लेकर रणनीति तक
भारत सरकार ने न सिर्फ आतंकी हमले का जवाब सैन्य दृष्टिकोण से तैयार किया है, बल्कि कूटनीतिक मोर्चे पर भी पाकिस्तान को घेरना शुरू कर दिया है। अब तक उठाए गए प्रमुख कदमों में शामिल हैं:
- पाकिस्तान से कूटनीतिक संबंधों को सीमित किया गया
- सिंधु जल संधि को निलंबित किया गया
- अटारी-वाघा सीमा को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया
- संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान को आतंक-प्रायोजक देश घोषित करने की मुहिम तेज की गई है