खैबर पख्तूनख्वा, पाकिस्तान: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के अशांत कुर्रम जिले में जमीन के एक टुकड़े को लेकर दो जनजातियों के बीच हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 145 अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने रविवार को इस घटना की पुष्टि की।
संघर्ष का कारण और विस्तृत विवरण
पुलिस और जिला प्रशासन के अनुसार, ऊपरी कुर्रम जिले के बोशेरा गांव में पांच दिन पहले इन झड़पों की शुरुआत हुई थी। यह इलाका पहले भी जनजातीय और धार्मिक समूहों के बीच घातक संघर्ष, सांप्रदायिक झड़पें और आतंकवादी हमलों का गवाह रह चुका है। पुलिस ने बताया कि शिया और सुन्नी समूहों के बीच जमीन विवाद ने इस संघर्ष को जन्म दिया, जो पीवर, टांगी, बालिशेल, खार कले, मकबल, कुंज अलीजई, पारा चमकानी और करमन सहित अन्य क्षेत्रों में फैल गया।
हथियारों का प्रयोग और हिंसा का विस्तार
स्थानीय निवासियों के अनुसार, दोनों पक्षों ने मोर्टार और रॉकेट लांचर सहित भारत और अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया। पाराचिनार और साद्दा के मुख्य शहरों में भी मोर्टार और रॉकेट दागे गए, जिससे इन इलाकों में दहशत का माहौल फैल गया।
प्रशासनिक हस्तक्षेप और वर्तमान स्थिति
पुलिस, सैन्य नेतृत्व, और जिला प्रशासन की मदद से कबायली बुजुर्गों ने कुछ क्षेत्रों में शांति स्थापित करने की कोशिश की है। बोशेरा, मालिखेल और डांडर इलाकों में झड़पों को रोकने के लिए मध्यस्थता की गई, लेकिन अन्य हिस्सों में अभी भी हिंसा जारी है। एक अधिकारी ने बताया कि शेष क्षेत्रों में भी झड़पों को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं।
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
कल रात हुई गोलीबारी में कई लोग घायल हुए, जिससे सभी शैक्षणिक संस्थान और बाजार बंद रहे। मुख्य सड़कों पर यातायात बंद रहा, जिससे स्थानीय निवासियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा। प्रभावित इलाकों में पुलिस और सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।