Thursday, November 21, 2024
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पर्वतारोही दिलीप सिंह शेखावत ने नॉर्थ पोल पर फहराया तिरंगा, उपलब्धि के लिए ईश्वर को दिया धन्यवाद

विश्व विख्यात पर्वतारोही और अंतरराष्ट्रीय अल्ट्रा मैराथन धावक दिलीप सिंह शेखावत ने अपनी उपलब्धियों का सिलसिला बरकरार रखते हुए उत्तरी ध्रुव (नॉर्थ पोल) पर देश का राष्ट्रीय ध्वज फहराया है। शेखावत ने 17 अगस्त, 2023 को नॉर्थ पोल पर परमपिता शिव परमात्मा और भारत का ध्वज फहराया।

17 अगस्त, 2023 को नॉर्थ पोल पर परमपिता शिव परमात्मा का ध्वज और भारत मां का तिरंगा झंडा लहराया दिया।दिलीप सिंह ब्रह्माकुमारी संस्था से जुड़े हैं जो प्रतिदिन राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास करते हैं।

नोर्थ पोल के लिए यात्रा 10 अगस्त को नॉर्वे से प्रारम्भ हुई थी। ध्रुवीय क्षेत्र की यात्रा के लिए बने स्पेशल स्नो कटर जहाज से यात्रा आरम्भ की गई थी। प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के बावजूद 6 से 8 फीट मोटी बर्फ की परत को काटते हुए जहाज आगे बढ़ता रहा। इस दौरान तूफानी हवाएं, बारिश, ओले भी लगातार गिर रहे थे। लेकिन सफर जारी रहा और 15 अगस्त को जहाज नॉर्थ पोल ग्राउंड पर पहुॅंच गया। यात्रा के लिए बनाई गई रिसर्च टीम ने पहले बाहर मौसम और अन्य सुरक्षा सम्बन्धी रेकी की, जिसके बाद वहाॅं भयंकर ठण्ड में ऊबड़- खाबड़ धरातल, दलदल में ही नॉर्थ पोल पर 10 घंटे की मैराथन दौड़ आयोजित की गई। नॉर्थ पोल पर शायद यह अब तक की सबसे लंबी मैराथन रेस हुई है, जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है। इस दौरान फ्रांस और जर्मनी की रिसर्च टीम भी यात्रा में साथ थी और सुरक्षा के भी पूरे इंतजाम थे। नॉर्थ पोल पर फतह के बाद वहां और भी कई एक्टिविटीज हुई।

इससे पहले दिलीप सिंह शेखावत 16 दिसम्बर 2022, को साउथ पोल पर परमपिता परमात्मा और भारत का राष्ट्र ध्वज फहरा चुके हैं। इसके अलावा 16 मई, 2019 को दिलीप सिंह माउंट एवरेस्ट पर भी यह अभियान पूरा कर चुके हैं। दिलीप सिंह अभी तक विश्व की सबसे ऊंची 17 चोटियों पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर चुके हैं और विश्व में 35 अल्ट्रा मैराथन रेस में भी शामिल हो चुके हैं, जो कि 200 किलोमीटर से ऊपर की दौड़ है।

प्रमुख दौड़, जिनमें शेखावत शामिल हुए
दिलीप सिंह शेखावत अफ्रीका में सहारा रेगिस्तान में 60 डिग्री टेंपरेचर पर 250 किलोमीटर की दौड़, अमेजॉन रेनफॉरेस्ट में 250 किलोमीटर दौड़, किर्गिस्तान में 200 किलोमीटर माउंटेन रेस में भी शामिल रहे चुके हैं। इन सभी उपलब्धियों के लिए उन्हें ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ प्लेटिनम जुबली मेडल से भी नवाजा गया है। महात्मा गांधी कनाडा सेंटर की और से कम्युनिटी सर्विस अवार्ड से नवाजा गया। दिलीप सिंह ने परमपिता शिव परमात्मा का ध्वज पूरे विश्व में लहराया है। इसके साथ पिलानी कस्बे का नाम, झुंझुनू जिले और भारत का नाम भी रोशन किया है।

आपको बता दें कि दिलीप सिंह के पिता नाथूसिंह शेखावत मूलतः अमरसिंह पुरा के रहने वाले हैं और वर्तमान में पिलानी में ही निवास करते हैं। वे भी राजयोग के नियमित अभ्यासी हैं।

साहसिक अभियानों के प्रति रुझान और उनमें अपनी सफलता का श्रेय परमपिता परमात्मा को देते हुए दिलीप सिंह शेखावत ने कहा कि मैं हर कार्य में ईश्वर को साथ लेकर चलता हूॅं। मुझे हर कठिनाई में परमात्मा की मदद का अनुभव होता है। भगवान पर संपूर्ण विश्वास है। और उस शक्ति से ही मुझे जीवन में आगे बढ़ने का मोटिवेशन भी मिलता है। दिलीप सिंह हर बार कोई असंभव कार्य शुरू करने से पहले और साहसिक अभियान पर जाने से पहले अपने घर पिलानी आते हैं और ब्रह्माकुमारी सेंटर पर बहनों से और ऐश्वरिय परिवार से दुआ आशीर्वाद लेकर जाते हैं।

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