न्यूयॉर्क: भारतीय उद्योगपति और अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी के खिलाफ न्यूयॉर्क की एक अदालत में रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगे हैं। अदालत ने गौतम अडानी समेत सात लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया है। इन आरोपों ने भारतीय राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है और इसे भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला बताया है।
कांग्रेस का बयान
कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा कि अडानी समूह पर आरोप है कि अमेरिका में सरकारी ठेके हासिल करने के लिए 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई। पार्टी ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए लिखा, “जब इस मामले की जांच शुरू हुई, तो इसे रोकने की साजिश रची गई। अब अमेरिका में अडानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है।”
कांग्रेस ने यह भी कहा कि मोदी सरकार की ओर से अडानी को बचाने की कोशिश की जा रही है। पार्टी के अनुसार, “यदि इस मामले की गहन जांच होती है, तो उसकी हर कड़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ती दिखेगी।”
क्या है पूरा मामला?
न्यूयॉर्क के प्रॉसीक्यूटर्स ने गौतम अडानी समेत सात लोगों पर 265 मिलियन डॉलर (लगभग 2250 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने और धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। इन पर आरोप है कि सोलर पावर प्लांट्स के प्रोजेक्ट्स को अगले 20 वर्षों के लिए हासिल करने के उद्देश्य से अमेरिकी अधिकारियों को रिश्वत दी गई।
इसके अलावा, आरोप है कि अडानी समूह ने अमेरिकी निवेशकों से धन जुटाने के प्रयासों के दौरान झूठे दावे किए। ग्रीन एनर्जी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सागर अडानी और पूर्व एमडी-सीईओ भी इस मामले में आरोपी हैं। उन पर अमेरिकी कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप है।
अमेरिका में गिरफ्तारी वारंट का महत्व
गौतम अडानी के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि पर असर डाल सकता है। न्यूयॉर्क की अदालत का यह कदम न केवल अडानी समूह के व्यापारिक प्रतिष्ठान को प्रभावित कर सकता है, बल्कि विदेशी निवेशकों के विश्वास पर भी सवाल खड़े कर सकता है।
राजनीतिक माहौल गरमाया
कांग्रेस ने इस मामले को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। पार्टी ने इसे मोदी सरकार की भ्रष्टाचार में संलिप्तता का सबूत बताया है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार बार-बार अडानी समूह के बचाव में आगे आई है, जबकि देश में उनके खिलाफ स्वतंत्र जांच की जरूरत है।