नोएडा, उत्तर प्रदेश: कोतवाली सेक्टर-49 पुलिस ने दिल्ली मेट्रो और प्राइवेट कंपनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये ठगने वाले सात आरोपियों को सलारपुर से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में चार युवतियां और गिरोह का सरगना शामिल है।
बरामदगी
पुलिस ने आरोपियों के पास से 11 मोबाइल फोन, 5 फर्जी मोहरें, 2840 रुपये, दो कार और महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं। गिरोह में एक कथित पत्रकार भी शामिल है, जो एक यूट्यूब चैनल चलाता है। इसी चैनल पर नौकरी संबंधी विज्ञापन जारी कर बेरोजगार युवकों को अपने जाल में फंसाया जाता था।
गिरफ्तार आरोपियों की जानकारी
डीसीपी रामबदन सिंह ने बताया कि कुछ बेरोजगार युवाओं ने ठगी की शिकायत की थी। उनसे ढाई से तीन हजार रुपये की ठगी हुई थी। सलारपुर स्थित कार्यालय में छापा मारकर बिजनौर के बढ़ापुर निवासी वसीम अहमद उर्फ कपिल भाटी, उर्फ पीयूष भाटी, इकोटेक थर्ड थानाक्षेत्र के हबीबपुर गांव निवासी रोहित चंदेला उर्फ राहुल भाटी और सूरजपुर थानाक्षेत्र के मलकपुर के रोहित कुमार को दबोच लिया गया।
चार लड़कियों की गिरफ्तारी
कार्यालय में वेतन पर काम करने वाली अनामिका सिंह, लक्ष्मी सिंह, शिखा कुशवाहा और शबा को भी गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में पता चला कि वसीम गिरोह का सरगना है। वसीम और रोहित चंदेला अन्य साथियों के साथ मिलकर पिछले डेढ़ वर्ष से बेरोजगार युवाओं को ठग रहे थे।
फर्जी यूट्यूब चैनल
गिरोह का एक यूट्यूब चैनल “नोएडा दिल्ली जॉब” के नाम से है, जिसमें आरोपी नौकरी दिलाने का भ्रामक विज्ञापन डालते थे। इसे देखकर बेरोजगार युवक और युवतियां नौकरी के लिए विभिन्न राज्यों से इनके पास आते थे। आरोपियों का किसी कंपनी से कोई करार नहीं था।
फर्जी मोहरें और नियुक्ति पत्र
इन लोगों ने फर्जी मोहरें बनवाई थीं और जिस लेटर पैड पर यह लोग मोहर लगाकर बच्चों को नियुक्ति पत्र देते थे वह भी सब फर्जी था। ये लोग औसतन माह में 150 से 200 युवाओं को ठगते थे।
ठगी का खेल
पुलिस के अनुसार, वसीम महज 12वीं पास है। वर्ष 2009 में जब वह नोएडा आया तो उसने एसी मैकेनिक का काम करना शुरू किया। इसमें मुनाफा कम होने के कारण उसने बाद में यूट्यूब न्यूज चैनल खोला। फिर बीटेक छात्र रोहित चंदेला और 12वीं पास रोहित कुमार को गिरोह से जोड़ा।
तीनों मिलकर बेरोजगार लोगों से ठगी करने लगे। आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। वहीं युवतियों को थाने से ही जमानत देकर छोड़ दिया गया है।
पीड़ितों को धमकी
ठगी का शिकार होने वाला पीड़ित जब रुपये मांगता था तो आरोपी इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म एक्स पर झूठे पोस्ट कर उसे डराते थे। पीड़ित डर जाता था और शिकायत नहीं करता था। आरोपियों के कुल चार इंटरनेट मीडिया अकाउंट पुलिस को मिले हैं। ठगी की रकम को आरोपी आपस में बांट लेते थे।
लड़कियों की भर्ती
इंटरनेट मीडिया पर विज्ञापन देखने के बाद नौकरी के लिए आई युवतियों को ठगी के लिए काम पर लगा दिया था। उनका काम लोगों को कॉल करना और साक्षात्कार (इंटरव्यू) लेकर चयन करना था।
अन्य बरामदगी
वसीम अहमद के पास से एक फर्जी आधार कार्ड भी बरामद हुआ है जो वह पहचान छिपाने के लिए रखता था। पुलिस आरोपियों के बैंक खातों को फ्रीज कराने में जुटी है ताकि ठगी की रकम पीड़ितों को वापस दिलाई जा सके।