खेतड़ी की कोलिहान नगर कॉपर माइंस में 17 घंटे नॉन स्टॉप रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद एसडीआरएफ और एचसीएल खेतड़ी नगर की लोकल रेस्क्यू टीम ने खदान में 1875 फीट नीचे फंसे 15 लोगों को बाहर निकाला लिया है। इनमें से चीफ विजिलेंस ऑफिसर की मौत हुई है।
बताया जा रहा है कि हादसे में कोलकाता से आए चीफ विजिलेंस ऑफिसर यूएन पांडे की मौत हो गई है।
हादसे में अंदर फंसे 15 लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकालने के बाद सामने आया है कि 1 कर्मचारी की मौत हो गई है। हालांकि एचसीएल की ओर से अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
खेतड़ी विधायक धर्मपाल गुर्जर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि इस तरह के हादसों की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए एचसीएल प्रबंधन से बात की जाएगी। साथ ही हादसे की जांच के लिए भी सरकार को लिखा जाएगा।
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फंसे 14 में से अंदर रह गए बाकी के 4 लोगों को भी बाहर निकाल लिया गया
खेतड़ी की कोलिहान नगर कॉपर माइंस से बड़ी खुशखबरी सामने आई है। यहां 1875 फीट नीचे फंसे हुए सभी 14 कर्मचारियों को खदान से सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम द्वारा पूरी रात बचाव अभियान चलाया गया था, इसके बाद अभी कुछ देर पहले 14 में से अंदर रह गए बाकी के 4 लोगों को भी बाहर निकाल लिया गया है।
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फंसे 14 में से 10 लोगों को बाहर निकाला गया
खेतड़ी की कोलिहान नगर कॉपर माइंस में हुए हादसे में रात भर चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद राहत भरी खबर सामने आ रही है। रेस्क्यू टीम ने खदान में फंसे 14 में से 10 लोगों को बाहर निकाल लिया है।
रेस्क्यू टीम ने सबसे पहले सुबह करीब सवा सात बजे तीन लोगों को बाहर निकाला। इनमें खेतड़ी कोलिहान खदान प्रभारी एके शर्मा, मैनेजर प्रीतम और हंसीराम को बाहर लाया गया और तीनों को ही जयपुर के मणिपाल हॉस्पिटल के लिए रैफर कर दिया गया। फिर करीब साढ़े आठ बजे पांच और लोगों को बाहर निकाला गया। सूचना मिली है कि अब तक 10 लोगों को बाहर निकाला जा चुका है। खदान में फंसे बाकी के 4 लोगों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है।
आपको बता दें कि कोलिहान नगर खदान में हादसे की सूचना मिलते ही हर तरफ हड़कंप मच गया। स्थानीय प्रशासन को तत्काल इसकी सूचना दी गई। इसके बाद राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। पिछले 12 घंटे से भी ज्यादा के समय से बचाव कार्य चलाया जा रहा है। इसमें बुधवार को पहली सफलता तब मिली जब खदान में फंसे 14 में से तीन लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। बता दें कि हालात को देखते हुए राहत एवं बचाव दल के सदस्यों ने खदान के अंदर जरूरी दवाइयों के साथ फूड पैकेट्स भी भिजवाए थे, ताकि न्यूनतम जरूरतों को पूरा किया जा सके।
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नीमकाथाना जिले में बड़ा हादसा: खेतड़ी में हिंदुस्तान कॉपर की खदान में लिफ्ट की चेन टूटी, 1800फीट गहराई में फंसे हैं 14 लोग, रेस्क्यू टीम ने शुरू किया ऑपरेशन
नीमकाथाना जिले में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की कोलिहान खदान में बड़ा हादसा हुआ है। खदान में लिफ्ट की चेन टूट गई। हादसे के चलते कोलकाता से आई विजिलेंस की टीम और खेतड़ी कॉपर कॉरपोरेशन (KCC) के बड़े अधिकारी लिफ्ट में ही फंसे हुए हैं। केसीसी इकाई प्रमुख जीडी गुप्ता भी लिफ्ट में हैं। बताया जा रहा है कि 14 लोग खदान में फंसे हुए हैं। मौके पर आसपास के क्षेत्र से एंबुलेंस और डॉक्टर्स की टीमों को बुलाया गया है।
14 लोग फंसे हैं खदान में
बताया जा रहा है कि जिस खदान में लिफ्ट की चैन टूटी है उसमें सीबीओ पंड्या, केसीसी ईकाई प्रमुख जीडी गुप्ता, डीएसएम वी भंडारी, एके शर्मा, केएस गहलोत, रमेश कुमार, एके बोहरा, विनोद शेखावत, एए भंडारी, एन सहाय, प्रीतम सिंह, विकास पारीक, हंसी राम सहित कुछ अन्य लोग भी फंसे हुए हैं। यह भी जानकारी मिली है कि लगभग 1800 फीट की गहराई में सभी लोग फंसे हुए हैं।
रात 8:10 बजे हुआ हादसा
सोमवार को विजिलेंस की टीम यहां पहुंची थी और कल से यहां माइंस का इंस्पेक्शन चल रहा था। मंगलवार दोपहर को टीम ने खेतड़ी नगर माइंस की विजिट की थी जिसके बाद टीम कोलिहान माइंस एरिया में पहुंची थी। शाम 5 बजे केसीसी चीफ और विजिलेंस टीम के सदस्य खदान में उतरे थे। रात 8:10 बजे खदान से बाहर निकलते वक्त यह हादसा हो गया।
विधायक, एसडीएम, डीएसपी पहुंचे मौके पर
रात 8:10 बजे हुए हादसे के बाद प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। केसीसी टाउनशिप के हॉस्पिटल में डॉक्टरों को बुलाया गया है। किसी भी तरह की आपात परिस्थितियों के लिए एम्बुलेंसों को तैयार रहने के लिए निर्देश दिए गए हैं। एसडीएम सविता शर्मा, डीएसपी जुल्फिकार अली सहित प्रशासन और पुलिस के अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं। खेतड़ी विधायक धर्मपाल गुर्जर भी मौके पर पहुंचे हैं।
1975 में शुरू हुआ था कॉपर प्रोजेक्ट
आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने फरवरी, 1975 में इस खान को देश को समर्पित किया था। यहां 324 वर्ग किमी के दायरे में 300 से अधिक भूमिगत खदानें मौजूद हैं जिनमें समुद्र तल से माइनस 102 मीटर की गहराई पर तांबा निकाला जाता है। ये देश की सबसे बड़ी और सबसे गहरी तांबे की माइंस हैं।
हादसे की सूचना पर जुटी लोगों की भीड़
हादसे की सूचना तेजी से फैली और उसके बाद वहां लोगों की भीड़ जुटना शुरू हो गई। हालांकि गेट के आसपास किसी को जाने की इजाजत नहीं दी गई है और गेट से पहले ही लोगों को रोका जा रहा है। रेस्क्यू टीम लिफ्ट के गेट खोलने की कोशिश कर रही है। केसीसी हॉस्पिटल के डॉक्टर रणजीत डांगर और नर्सिंग स्टाफ मुश्ताक को रेस्क्यू टीम के साथ खदान में नीचे उतारा गया है।