चिड़ावा, 6 जून 2025: निर्जला एकादशी पर शहर की पुरानी बस्ती में भगवान श्री लक्ष्मी नारायण जी के मन्दिर में विशेष पूजा का आयोजन किया गया। मन्दिर पुजारी विजय महर्षि, पवन महर्षि के सान्निध्य में महिलाओं ने भजन-कीर्तन किया। पूजा व कीर्तन में सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धानुरागी महिलाएं शामिल हुई।

श्री लक्ष्मी नारायण जी मन्दिर पुजारी विजय महर्षि ने बताया कि निर्जला एकादशी पर जो भी व्यक्ति दान पुण्य करता है, उसको जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है और मृत्यु के पश्चात उसे स्वर्ग में स्थान मिलता है।
मन्दिर में आयोजित निर्जला एकादशी व्रत कथा में पुजारी विजय महर्षि ने बताया कि हिन्दू पंचाग अनुसार वृषभ और मिथुन संक्रांति के बीच शुक्ल पक्ष की एकादशी निर्जला एकादशी कहलाती है। निर्जला यानि यह व्रत बिना जल ग्रहण किए और उपवास रखकर किया जाता है। इसलिए यह व्रत कठिन तप और साधना के समान महत्त्व रखता है। पुजारी विजय महर्षि ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति सभी एकादशियों का पालन नहीं कर सकता, वह केवल निर्जला एकादशी का व्रत करके पूरे वर्ष की सभी एकादशियों का पुण्य प्राप्त कर सकता है।
वार्ड के युवाओं ने राहगीरों को पिलाई छाछ
इस अवसर पर श्री लक्ष्मीनारायण मन्दिर के सामने कपिल जांगिड़, राजेश सैनी, लोकेश सैनी, शशिकांत टेलर, खुशवंत सिंह, महेश राजपूत आदि ने छाछ और शर्बत का स्टाॅल लगाया। मन्दिर में पूजा और दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं और राहगीरों की मनुहार कर उन्हें छाछ पिलाई गई।