पिलानी: नरहड़ गांव में स्मार्ट मीटरों की अनिवार्यता को लेकर ग्रामीणों में गहरी नाराजगी देखने को मिली। इसी के चलते अखिल भारतीय किसान सभा की ग्राम इकाई नरहड़ और अन्य सामाजिक संगठनों की अगुवाई में 33 केवी जीएसएस परिसर के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। ग्रामीणों ने इस योजना को गरीबों और किसानों के विरुद्ध बताते हुए सरकार से तत्काल प्रभाव से इसे बंद करने की मांग की।
प्रदर्शन के दौरान आयोजित सभा में विभिन्न वक्ताओं ने स्मार्ट मीटरों को ग्रामीण जनजीवन के लिए अव्यवहारिक और अत्यधिक कष्टकारी बताया। किसान सभा के संरक्षक दरियासिंह धायल ने कहा कि पारंपरिक मीटरों में उपभोक्ता जरूरत पड़ने पर बिजली का उपयोग कर पेनल्टी देकर भुगतान कर सकते हैं, जबकि स्मार्ट मीटरों में पूर्व रिचार्ज की बाध्यता है, जिससे ग्रामीणों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। इससे गांवों के अस्पताल, बैंक और सरकारी संस्थाएं भी प्रभावित हो सकती हैं।
सभा को संबोधित करते हुए जिला उपाध्यक्ष बजरंग सिंह बराला ने कहा कि स्मार्ट मीटर व्यवस्था आमजन विरोधी है और किसान सभा इसे हर गांव तक मुद्दा बनाकर आंदोलन तेज करेगी। ग्राम इकाई अध्यक्ष सत्यवीर बुडानिया ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर समय रहते स्मार्ट मीटर योजना को रोका नहीं गया तो बड़े स्तर पर जन आंदोलन शुरू किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।

प्रदर्शन के बाद ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के नाम बिजली विभाग के नरहड़ स्थित कनिष्ठ अभियंता (JEN) को ज्ञापन सौंपा, जिसमें स्मार्ट मीटरों की अनिवार्यता को तुरंत समाप्त करने की मांग की गई।
इस विरोध प्रदर्शन में मेघाराम जांगिड़, दुलीचंद, सुभाष स्वामी, फौजी सुरेश धायल, रणधीर, उमराव सिंह, तनसुख रणवा, रामसिंह बगरानिया, सूबेदार जयलाल खरड़िया, इंद्र नाई, हरिकेश स्वामी, हंसराज शर्मा, रामस्वरूप धायल, अनवर तेली, रामचंद्र मीणा, बहादुर सिंह, प्रकाश, मनोहर चौहान सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों की उपस्थिति रही। सभी ने एक स्वर में सरकार से इस योजना को तुरंत वापस लेने की मांग की।