मुंबई: मुंबई के धारावी क्षेत्र में एक 25 साल पुरानी मस्जिद, महबूब-ए-सुबानिया मस्जिद को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने मस्जिद के कथित अवैध हिस्से को ध्वस्त करने की योजना बनाई, जिसके बाद वहां भारी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। यह मस्जिद धारावी के 90 फीट रोड पर स्थित है, जो मुंबई के सबसे घनी आबादी वाले इलाकों में से एक है।
बीएमसी टीम के खिलाफ स्थानीय लोगों का प्रदर्शन
बीएमसी की जी-नॉर्थ प्रशासनिक वार्ड की टीम सुबह 9 बजे मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने के लिए पहुंची थी। जैसे ही बीएमसी की टीम वहां पहुंची, बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौके पर इकट्ठा हो गए और उन्होंने बीएमसी अधिकारियों को घेर लिया। लोगों ने प्रदर्शन करते हुए सड़क पर बैठकर विरोध शुरू कर दिया। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि प्रदर्शनकारियों ने नगर पालिका की गाड़ी और अन्य वाहनों में तोड़फोड़ कर दी।
पुलिस ने संभाला मोर्चा
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने तुरंत मोर्चा संभाल लिया। भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर तैनात किया गया ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत शुरू की और उन्हें शांत करने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने बताया कि मस्जिद के अवैध हिस्से को हटाने का निर्देश उच्च अधिकारियों द्वारा दिया गया था।
पुलिस अधिकारी ने कहा, “प्रदर्शनकारियों ने बीएमसी अधिकारियों को उस गली में प्रवेश करने से रोक दिया, जहां मस्जिद स्थित है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और भारी पुलिस बंदोबस्त मौजूद है।”
मस्जिद के खिलाफ कार्रवाई पर सवाल
मस्जिद से जुड़े मुस्लिम समुदाय के लोग इस कार्रवाई को लेकर नाराज हैं। उनका कहना है कि यह मस्जिद 25 साल पुरानी है और धार्मिक स्थल पर इस तरह की कार्रवाई अनुचित है। लोगों का आरोप है कि बिना समुचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बीएमसी ने यह कदम उठाया है।
सांसद प्रो. वर्षा गायकवाड़ का दखल
इस मामले में मुंबई नॉर्थ सेंट्रल की सांसद प्रो. वर्षा गायकवाड़ ने भी हस्तक्षेप किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से बातचीत कर इस मसले पर उचित कार्रवाई की मांग की है। प्रो. गायकवाड़ ने कहा कि इस मामले में संवेदनशीलता बरतते हुए समाधान निकाला जाना चाहिए ताकि धार्मिक सौहार्द्र बना रहे।
बता दें कि धारावी एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्तियों में से एक मानी जाती है, जहां जनसंख्या घनत्व अत्यधिक है।