नई दिल्ली: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने देश में जेनेटिकली मोडिफाईड (GM) बीजों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। इस पत्र में टिकैत ने किसानों की आय के सीमित साधनों, बढ़ती लागत, बदलते जलवायु प्रभावों और अवैध GM बीजों के खतरों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने सरकार से इन बीजों के आयात और उपयोग पर कड़ी निगरानी बढ़ाने की मांग की है।
किसानों की समस्याओं पर जोर
टिकैत ने पत्र में लिखा कि किसानों को लगातार बढ़ती लागत का सामना करना पड़ रहा है, जबकि उनकी उपज का मूल्य लागत के अनुपात में नहीं बढ़ रहा है। जलवायु परिवर्तन का प्रतिकूल असर फसलों पर पड़ रहा है, जिससे रबी फसलों का उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। ऐसे में ग्रामीण खेती गहरे संकट में है। टिकैत ने कहा कि अगर यह स्थिति जारी रही तो खेती आने वाले समय में बर्बाद हो सकती है।
GM फसलों का विरोध और पहले की घटनाएं
टिकैत ने अपने पत्र में बताया कि भारतीय किसान यूनियन ने पहले भी BT कॉटन और हरियाणा के करनाल में चावल के फील्ड ट्रायल को रोकने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान तत्कालीन पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने इस विषय पर किसान संगठनों और आम जनता से राय ली थी। इसके बाद GM बीजों पर प्रतिबंध लगाया गया था।
GM उत्पादों की सख्त जांच की मांग
राकेश टिकैत ने GM सरसों और अन्य GM बीजों के आयात पर सख्त जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि देश में आयात किए जा रहे मक्का अनाज में अवैध GM मक्का की उपस्थिति के सबूत मिले हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आयातित फल और सब्जियों पर GM मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है, जो मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए घातक साबित हो सकता है। टिकैत ने DGFT और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित करने का सुझाव दिया, ताकि नियामक तंत्र को मजबूत किया जा सके।
GM बीजों से संभावित खतरे
टिकैत ने चेतावनी दी कि GM बीजों के उपयोग से पर्यावरण और मानव जीवन को गंभीर खतरे हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन बीजों से कैंसर और त्वचा संबंधी रोगों का खतरा बढ़ेगा। पशुओं के लिए यह बीज बांझपन और त्वचा रोग का कारण बन सकते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अवैध BT बैंगन और BT सोयाबीन की खेती ने देश की जैव सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है।
प्रदर्शन की चेतावनी
टिकैत ने कहा कि अगर GM बीजों पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो भारतीय किसान यूनियन देशव्यापी प्रदर्शन करेगी। उन्होंने सरकार से अपील की कि देश में कोई भी GM बीज या पौध सामग्री बिना अनुमति के आयात न हो और फील्ड ट्रायल पूरी तरह से बंद किए जाएं।