Sunday, June 29, 2025
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देश के लिए शरीर पर 5 गोलियां झेलने वाले चिड़ावा पंचायत समिति के सांख्यिकी अधिकारी को राजनीति का तोहफा, निलंबित किया गया

चिड़ावा, 21 मई 2025: देश की रक्षा करते हुए अपने शरीर पर 5 गोलियां झेलने वाले ईमानदार अधिकारी को क्षेत्र की घटिया राजनीति के दंश का शिकार होना पड़ा है। चिड़ावा पंचायत समिति के पूर्व बीडीओ व मौजूदा सांख्यिकी अधिकारी रणसिंह को राज्यपाल के आदेश के बाद निलंबित कर दिया गया है।

बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत रहे रणसिंह 1993 में कश्मीर के गांदरबल में आतंकवादियों के साथ हुई आमने-सामने की मुठभेड़ में बुरी तरह घायल हो गए थे। उन्हें गले, उंगली सहित शरीर पर 5 गोलियां लगीं थीं। बाद में 1995 में वे राजकीय सेवा में सांख्यिकी अधिकारी के तौर पर शामिल हुए थे।

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स्थानीय राजनीति के जानकारों का कहना है कि चिड़ावा पंचायत समिति की पूर्व प्रधान इंद्रा डूडी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की आंच तत्कालीन बीडीओ रणसिंह तक पहुंची है, जिसके बाद उन्हें निलंबित किया गया है।

विधानसभा चुनाव 2023 में सत्ता परिवर्तन के बाद स्थानीय राजनीति में भी भारी उथल-पुथल हुई। चिड़ावा पंचायत समिति प्रधान इंद्रा डूडी के खिलाफ अविश्वास के बाद उन्हें पद से हटना पड़ा और रोहिताश्व धांगड़ के रूप में पंचायत समिति को नया प्रधान मिला। अविश्वास प्रस्ताव में प्रधान पर अनियमितता के आरोपों में विभागीय जांच प्रक्रियाधीन मानते हुए ही तत्कालीन बीडीओ रणसिंह को अब निलम्बित किया गया है।

देश के लिए शरीर 5 गोलियां झेलने वाले चिड़ावा पंचायत समिति के सांख्यिकी अधिकारी को राजनीति का तोहफा, निलंबित किया गया

सांख्यिकी अधिकारी रणसिंह के निलम्बन के बाद स्थानीय लोगों में भी काफी नाराजगी है, खासतौर पर वे लोग आक्रोशित हैं, जो देश सेवा में उनके बलिदान को जानते हैं। पूर्व सैनिकों में भी सांख्यिकी अधिकारी रणसिंह के निलम्बन आदेशों के खिलाफ गुस्सा है।

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जांच अधिकारी की खुद की कार्यशैली सन्देह के घेरे में

प्रधान इंद्रा डूडी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की जांच के लिए आए एसीईओ महेन्द्र सिंह की खुद की कार्यशैली संदेहास्पद है। उनके अपने कार्यालय में कर्मचारियों ने उनका बहिष्कार कर रखा है। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने महेन्द्र सिंह के विरुद्ध यूओ नोट जारी किया, जिसमें कहा गया है कि वरिष्ठ लेखाधिकारी, जि०प० (पं.प्र.) महेन्द्र कुमार का आचरण संदिग्ध व स्थापना विरोधी स्वभाव (Anti-Establishment Nature) का है जिससे कार्यालय की विश्वसनीयता व जवाबदेही प्रभावित हो सकती है। अतः इस कार्यालय (पं०प्र०/ ग्राविप्र) के समस्त शाखा प्रभारी / सहायक प्रभारी अधिकारीगण को निर्देशित किया जाता है कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की समस्त योजनाओं की कोई भी पत्रावलियां महेन्द्र कुमार, वरिष्ठ लेखाधिकारी के मार्फत प्रस्तुत नहीं की जावे। यूओ नोट में यह भी कहा गया है कि जिन पत्रावलियों में लेखा शाखा (लेखाधिकारी) की टिप्पणी आवश्यक हो उन पर लेखाधिकारी (ग्रा.वि.प्र.) निकिता राव से टिप्पणी अंकित कराकर पत्रावलियों का निष्पादन करावें।

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