नई दिल्ली: बीते कुछ दिनों से दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) के भीतर आसाराम से जुड़े विज्ञापनों को लेकर एक बड़ा विवाद उत्पन्न हो गया है। सोशल मीडिया पर इन विज्ञापनों की तस्वीरें तेजी से वायरल हो गई थीं, जिनमें आसाराम की तस्वीर के साथ पेरेंट्स डे के बारे में संदेश था। इन विज्ञापनों में आसाराम को एक धार्मिक गुरु के रूप में प्रस्तुत किया गया था, हालांकि वह खुद एक रेप के मामले में उम्रभर की सजा काट रहे हैं।
आसाराम पर लगे आरोप और उनकी सजा
आसाराम पर आरोप 2001 से 2006 के बीच की अवधि में लगाए गए थे, जब उन्होंने एक नाबालिग लड़की को अहमदाबाद स्थित अपने आश्रम में बंधक बना कर उसके साथ कई बार बलात्कार किया था। इस मामले में आसाराम के अलावा उनकी पत्नी लक्ष्मी और बेटी भारती को भी आरोपी बनाया गया था। इस मामले को लेकर लोगों की राय बहुत नकारात्मक थी, और आसाराम को एक धार्मिक गुरु के रूप में नहीं, बल्कि एक अपराधी के रूप में देखा गया।
आसाराम को 2018 में एक सेशन कोर्ट ने बलात्कार और अवैध तरीके से बंधक बनाने के आरोप में उम्रभर की सजा सुनाई थी। इसके बाद 2019 में उनके बेटे नारायण साईं को भी दुष्कर्म के आरोप में उम्रभर की सजा मिली।

दिल्ली मेट्रो में विवादित विज्ञापन
सोशल मीडिया पर जैसे ही इन विवादास्पद विज्ञापनों की तस्वीरें वायरल हुईं, लोग हैरान रह गए। इन विज्ञापनों में पेरेंट्स डे के संदेश के साथ आसाराम की तस्वीर थी, जो एक धार्मिक गुरु के रूप में दिखाए गए थे। इस पर लोगों ने सवाल उठाया कि मेट्रो में ऐसे व्यक्ति के विज्ञापन को कैसे अनुमति दी जा सकती है, जो खुद जेल में सजा काट रहा है।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने आलोचनाओं का सामना करते हुए इस मामले पर बयान जारी किया और कहा कि इन विज्ञापनों को जल्द ही हटा लिया जाएगा। मेट्रो ने इस पर सफाई दी और बताया कि उनके पास विज्ञापनों को मंजूरी देने के लिए एक निर्धारित प्रक्रिया है, जिसके तहत वेंडर्स द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों की जांच की जाती है।
DMRC का बयान
दिल्ली मेट्रो ने अपनी ओर से बयान में कहा कि यह मामला जांच के तहत है और मेट्रो यह पता लगा रही है कि ये विज्ञापन मेट्रो ट्रेन में कैसे लगाए गए थे। मेट्रो ने यह भी कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए सुधार की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
वायरल हुई तस्वीरों में दो अलग-अलग डिज़ाइन के विज्ञापन दिखाए गए थे, जिनमें पेरेंट्स डे मनाने का जिक्र था। इन विज्ञापनों में आसाराम की तस्वीर भी शामिल की गई थी, जिससे यह साफ प्रतीत होता था कि उन्हें प्रेरणास्त्रोत के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा था।
आसाराम और नारायण साईं के खिलाफ आरोप
आसाराम के खिलाफ रेप के आरोप साल 2013 में दर्ज किए गए थे, जबकि पीड़िता के साथ यौन शोषण का घटनाक्रम 2001 से 2006 के बीच हुआ था। पीड़िता का आरोप था कि आसाराम और उनके साथियों ने उसे अहमदाबाद स्थित आश्रम में बंधक बना कर कई बार बलात्कार किया।
इस मामले के बाद कई महिलाएं सामने आईं और उन्होंने आसाराम के खिलाफ अपने आरोपों को सार्वजनिक किया। इसके बाद आसाराम के बेटे नारायण साईं के खिलाफ भी दुष्कर्म का आरोप लगाया गया और उसे भी 2019 में उम्रभर की सजा सुनाई गई।
समाप्ति: दिल्ली मेट्रो ने उठाया कदम
दिल्ली मेट्रो द्वारा इस मामले में त्वरित कदम उठाया गया और इन विज्ञापनों को हटा दिया गया। DMRC ने इस मामले पर अपनी सफाई दी और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने की बात की।