नई दिल्ली: दिल्ली के सिविल लाइन्स स्थित फ्लैग स्टाफ रोड पर स्थित मुख्यमंत्री आवास के बाहर गुरुवार को अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था देखने को मिली। पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है, और बैरिकेडिंग कर सड़क को दोनों ओर से बंद कर दिया गया है। सुरक्षा का यह प्रबंध आम जनता और मीडिया के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
आप नेताओं को सीएम आवास जाने से रोका गया
सुरक्षा के बीच, आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज मुख्यमंत्री आवास के बाहर पहुंचे। हालांकि, उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई। पुलिस ने उन्हें मुख्य द्वार से आगे बढ़ने से रोक दिया। संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज ने पुलिस अधिकारियों से बातचीत कर सीएम हाउस जाने की इजाजत मांगी, लेकिन अधिकारियों ने साफ मना कर दिया।
संजय सिंह का बयान और धरना
संजय सिंह ने पुलिस की इस कार्रवाई पर कड़ा विरोध जताया। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “यहां इतनी भारी संख्या में पुलिस बल क्यों तैनात है? हम क्या आतंकवादी हैं? हमारे साथ दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री आवास के अंदर सोने का टॉयलेट और स्विमिंग पूल दिखाने के दावे की सच्चाई उजागर करनी है।
जब पुलिस ने उन्हें जाने नहीं दिया, तो संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज सीएम आवास के बाहर ही धरने पर बैठ गए। संजय सिंह ने कहा कि वे कुछ देर और इंतजार करेंगे और फिर वापस लौट जाएंगे। धरना प्रदर्शन के कुछ देर बाद दोनों नेता वहां से चले गए।
पुलिस का पक्ष
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री के बंगले की चाबी लोक निर्माण विभाग (PWD) के पास है। किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। सुरक्षा के कड़े प्रबंधों के पीछे क्या कारण हैं, इस पर पुलिस की ओर से कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया गया।
राजनीतिक बयानबाजी और विवाद
आप नेताओं द्वारा उठाए गए सवाल और धरने ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। मुख्यमंत्री आवास पर सुरक्षा बढ़ाने के कारणों और अंदर की कथित सुविधाओं को लेकर विपक्ष और आम आदमी पार्टी के बीच बयानबाजी तेज हो गई है।