सियोल, दक्षिण कोरिया: दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में एक अभूतपूर्व घटना के दौरान राष्ट्रपति यून सुक योल के सुरक्षा गार्ड और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच टकराव हो गया। यह घटना तब घटी, जब हाई रैंकिंग भ्रष्टाचार जांच अधिकारी और पुलिस की संयुक्त टीम योल के आवास पर उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची। यून सुक योल के खिलाफ यह दूसरी गिरफ्तारी की कोशिश थी।
पहले भी सुरक्षा गार्डों ने जांचकर्ताओं को राष्ट्रपति को गिरफ्तार करने से रोकने का प्रयास किया था, लेकिन इस बार के गतिरोध के बावजूद पुलिस ने योल को गिरफ्तार करने में सफलता पाई।
मार्शल लॉ लागू करने के बाद बढ़ा विवाद
यून सुक योल पिछले कई हफ्तों से अपने हन्नाम-डोंग स्थित आवास में रह रहे थे। पिछले महीने उन्होंने देश में मार्शल लॉ लगाने की घोषणा की थी, जिसके कारण पूरे दक्षिण कोरिया में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। मार्शल लॉ के खिलाफ विपक्षी दलों ने संसद में घुसकर इसका विरोध किया और इसके खिलाफ वोटिंग भी की। देशभर में जनता ने सड़कों पर उतरकर योल के फैसले का विरोध किया। इसके बाद, भारी दबाव के चलते योल ने सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी।

सुरक्षा घेरा और ब्लॉक किए रास्ते
यून सुक योल की गिरफ्तारी को लेकर प्रेसिडेंशियल सिक्योरिटी सर्विस ने पूरे आवास को कंटीले तारों से घेर दिया था और सुरक्षा के तहत बसों को रास्तों में खड़ा कर ब्लॉकेड बना दिया था। इस दौरान, आवास के बाहर भारी संख्या में पुलिस अधिकारी ब्लैक जैकेट पहने तैनात रहे। कई अधिकारी पहाड़ी परिसर के आसपास घूमते हुए अंदर दाखिल होने का रास्ता तलाशते दिखे।
कोर्ट के आदेश की अनदेखी
सियोल की वेस्टर्न कोर्ट ने यून सुक योल को हिरासत में लेने का आदेश जारी किया था, लेकिन प्रेसिडेंशियल सिक्योरिटी सर्विस ने इसे अवैध करार दिया। उनका तर्क था कि पूर्व राष्ट्रपति की सुरक्षा करना उनका कर्तव्य है। इस बीच, दक्षिण कोरिया के कार्यवाहक नेता और उप प्रधानमंत्री चोई सांग-मोक ने एक बयान में कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों और प्रेसिडेंशियल सिक्योरिटी सर्विस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई शारीरिक झड़प न हो।