त्रिशूर, केरल: मंगलवार तड़के त्रिशूर जिले में एक दर्दनाक सड़क हादसे ने सभी को झकझोर दिया। नेशनल हाइवे के किनारे तंबू में सो रहे खानाबदोश लोगों को एक अनियंत्रित ट्रक ने कुचल दिया। इस हादसे में दो मासूम बच्चों समेत पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि छह अन्य घायल हो गए।
तंबू में सो रहे लोगों पर चढ़ा ट्रक
पुलिस के अनुसार, वलपड़ थाना क्षेत्र के नट्टिका में खानाबदोश परिवारों ने नेशनल हाइवे के किनारे तंबू लगाकर रात बिताई थी। तड़के करीब साढ़े चार बजे एक ट्रक, जो तेज गति से आ रहा था, सड़क किनारे खड़े तंबू में घुस गया। हादसे के दौरान तंबू में सो रहे लोग इसकी चपेट में आ गए।
मरने वालों में डेढ़ साल और चार साल के दो मासूम बच्चे, दो महिलाएं और एक अन्य व्यक्ति शामिल हैं। हादसे में घायल हुए छह लोगों को तुरंत त्रिशूर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से दो की हालत नाजुक बनी हुई है।
नशे में थे चालक और खलासी, बिना लाइसेंस चला रहे थे ट्रक
पुलिस ने बताया कि लकड़ी से भरा ट्रक कन्नूर से आ रहा था। ट्रक खलासी चला रहा था, जिसके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था। जांच में पता चला कि चालक और खलासी दोनों नशे की हालत में थे। हादसे के तुरंत बाद दोनों ने भागने की कोशिश की, लेकिन स्थानीय लोगों ने उन्हें पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।
गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज
घटना की गंभीरता को देखते हुए त्रिशूर के पुलिस आयुक्त आर इलांगो ने घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। यह धारा गैर-जमानती है और इसमें 10 साल की सजा का प्रावधान है।
स्थानीय लोगों ने दिखाया साहस
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रक तेज गति से आ रहा था और तंबू में घुसने के बाद चालक व खलासी ने मौके से भागने की कोशिश की। लेकिन स्थानीय लोगों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों को पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया।
घायलों का इलाज जारी
घटना के बाद त्रिशूर के जिलाधिकारी अर्जुन पांडियन ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि सभी घायलों का इलाज त्रिशूर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जारी है। पोस्टमार्टम के बाद मृतकों के शव परिजनों को सौंपे जाएंगे।
हादसे की विस्तृत जांच के आदेश
राज्य के राजस्व मंत्री के. राजन ने इस हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने पुलिस और जिलाधिकारी से विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है। मंत्री ने कहा कि शुरुआती जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि चालक और खलासी की लापरवाही हादसे का मुख्य कारण है। साथ ही, उन सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों की भी जांच होगी, जिनके चलते पीड़ितों को सड़क किनारे सोने के लिए मजबूर होना पड़ा।