तेलंगाना लोकनीति-सीएसडीएस सर्वेक्षण: तीन दिसंबर को जब चार राज्यों में विधानसभा चुनावों के नतीजे आए तो इसने काफी हैरान किया. एक तरफ जहां बीजेपी को राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बंपर जीत मिली, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस को तेलंगाना में. कांग्रेस ने तेलंगाना में 64 सीटों पर जीत दर्ज की है. यहां रेवंत रेड्डी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली है.
तीन राज्यों को गंवाने के बाद इस स्टेट के नतीजों ने कांग्रेस को थोड़ी राहत जरूर दी है. कांग्रेस ने बाकी राज्यों में खोते जनाधार के बीच जिस तरह का प्रदर्शन यहां किया है, उससे लोग यहां जीत के कारणों को तलाशने में लगे हैं. लोकनीति-सीएसडीएस पोस्ट पोल सर्वेक्षण में इन्हीं बिंदुओं को समझने की कोशिश की गई है. आइए डालते हैं एक नजर.
ये हैं प्रमुख कारण
1. स्वाभिमान योजना का वादा
कांग्रेस की जीत में जिसने सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, वो थी स्वाभिमान योजना. सर्वे में सामने आया है कि युवाओं को कांग्रेस का यह वादा अच्छा लगा. इस योजना में युवाओं को 100 दिन का रोजगार देने के अलावा उनकी रूचि वाले सेक्टर में ट्रेनिंग देना था ताकि वह भविष्य में वहां जॉब कर सकें. 10 में 7 युवाओं ने इस वादे पर भरोसा किया और कांग्रेस को वोट दिया.
2. कल्याणकारी योजनाओं का भरोसा
इसके अलावा कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कई कल्याणाकारी योजनाओं की घोषणा की थी. इसमें उसने महिलाओं, बुजुर्गों और किसानों का भी ध्यान रखा था. ऐसे में इन तीनों वर्गों ने भी कांग्रेस के पक्ष में वोट दिया.
3. बीआरएस सरकार का करप्शन
तेलंगाना में बीआरएस सरकार के दौरान करप्शन चरम पर था. इस लेकर वह लगातार विपक्षी दलों के निशाने पर थी. कमीशन का खेल भी खूब चल रहा था. लोग इससे मुक्ति चाहती थी. कांग्रेस ने करप्शन के मुद्दे को भुनाते हुए लगातार बीआरएस पर हमला किया. सर्वे में 10 में से 7 लोग ऐसे थे जो करप्शन की वजह से बीआरएस से दूर जाने की बात कहते दिखे.