झुंझुनू, 13 फरवरी 2025: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने झुंझुनू के चुडेला स्थित जगदीशप्रसाद झाबरमल टिबरेवाला विश्वविद्यालय (जेजेटी) पर बड़ी कार्रवाई करते हुए पीएचडी कोर्स पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। यूजीसी ने यह कार्रवाई विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी विनियमों का उल्लंघन करने के कारण की है।
क्या है मामला?
यूजीसी ने पाया कि जेजेटी विश्वविद्यालय पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए आवश्यक शैक्षणिक मानदंडों का पालन नहीं कर रहा था। विश्वविद्यालय को कई बार नोटिस जारी किया गया, लेकिन उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया।
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क्यों लगाया गया बैन?
यूजीसी की जांच समिति ने पाया कि विश्वविद्यालय ने पीएचडी कार्यक्रमों में गड़बड़ी की है। विश्वविद्यालय ने बिना शर्तों को पूरा किए ही कई छात्रों को पीएचडी की डिग्री प्रदान की है।
कितने समय के लिए लगाया गया बैन?
यूजीसी ने जेजेटी विश्वविद्यालय पर अगले पांच साल (2025-26 से 2029-30 तक) के लिए पीएचडी कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस दौरान विश्वविद्यालय नए पीएचडी छात्रों का नामांकन नहीं कर सकेगा।
इससे पहले भी हो चुकी है ऐसी कार्रवाई
यह पहली बार नहीं है जब यूजीसी ने राजस्थान के किसी विश्वविद्यालय पर पीएचडी कोर्स पर प्रतिबंध लगाया हो। इससे पहले यूजीसी ने झुंझुनू की सिंघानिया यूनिवर्सिटी पर भी इसी तरह का प्रतिबंध लगाया था।
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इसका क्या असर होगा?
इससे विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को गहरा धक्का लगा है। साथ ही, उन छात्रों का भविष्य भी अंधेरे में है जो इस विश्वविद्यालय से पीएचडी करना चाहते थे।
यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है?
यह खबर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए यूजीसी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह खबर छात्रों को भी सचेत करती है कि वे किसी भी विश्वविद्यालय में दाखिला लेने से पहले उसकी साख की जांच जरूर करें।