झुंझुनूं: जिले में हरी लकड़ी की अवैध कटाई और उसकी तस्करी को लेकर प्रभारी सचिव समित शर्मा ने शनिवार को आयोजित जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने वन विभाग और पुलिस अधिकारियों को स्पष्ट शब्दों में फटकार लगाते हुए पूछा कि जब तस्करी के रूट और कटाई की जगहों की जानकारी मुझे तक है तो आप लोग क्या कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि विभागों की निष्क्रियता अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
समीक्षा बैठक के दौरान सचिव ने अधिकारियों को सार्वजनिक रूप से लताड़ते हुए कहा, “बिलकुल बेशर्म हो गए हो, शर्म नहीं आती?” उन्होंने पूर्व में दिए गए निर्देशों का पालन नहीं होने पर गहरी नाराजगी जताई और कहा कि इस मुद्दे को लेकर पहले भी वन, पुलिस और परिवहन विभाग को स्पष्ट चेतावनी दी जा चुकी है, इसके बावजूद तस्करी पर रोक लगाने में गंभीरता नहीं दिखाई गई।
सचिव ने प्रजेंटेशन के माध्यम से मीडिया में प्रकाशित रिपोर्टें दिखाकर यह स्पष्ट किया कि हरी लकड़ी की तस्करी कोई छुपी हुई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि अधिकारी अब भी कार्रवाई नहीं करते हैं तो यह सीधा विभागीय मिलीभगत का संकेत है, जिसे गंभीरता से लिया जाएगा।
वन विभाग द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 1 अप्रैल से 20 जुलाई तक कुल 167 वाहनों को पकड़ा गया, जिन पर 87 लाख 62 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। वहीं, 12 वाहनों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया गया है।
समित शर्मा ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि विभागों ने अब भी ठोस कार्य योजना नहीं बनाई और तस्करी पर पूरी तरह से लगाम नहीं लगाई, तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने तस्करी की गतिविधियों पर सतत निगरानी, गश्त, रात्रि दल गठन और गुप्त सूचनाओं के आधार पर कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
प्रभारी सचिव के इस कड़े रुख के बाद जिले के प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया है और अब उम्मीद की जा रही है कि हरी लकड़ी तस्करी के खिलाफ ज़मीनी स्तर पर प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।