झुंझुनूं, 7 मार्च 2025: सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, आईआईटी मद्रास और एनआईसी के सहयोग से एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस (ई-डार) तैयार किया गया है। जिले में इस प्रणाली के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें संबंधित अधिकारियों को ई-डार ऐप पर दुर्घटना प्रविष्टि की अनिवार्यता और उसके लाभों की जानकारी दी गई।

ई-डार ऐप से ब्लैक स्पॉट की पहचान होगी आसान
एनआईसी के डीआईओ कमलेश कुमार सैनी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जिले में होने वाली *सभी सड़क दुर्घटनाओं की प्रविष्टि ई-डार ऐप पर अनिवार्य रूप से की जानी चाहिए। इससे *ब्लैक स्पॉट (दुर्घटना संभावित स्थानों) को चिह्नित करने में मदद मिलेगी और सड़क सुरक्षा उपायों को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकेगा।
ई-डार के रोल आउट मैनेजर मनीष चौधरी ने सभी अनुसंधान अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे बिना किसी विलंब के दुर्घटनाओं की प्रविष्टि पूर्ण करें। उन्होंने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से ई-डार ऐप पर डेटा प्रविष्टि की प्रक्रिया और लंबित मामलों के निस्तारण का प्रशिक्षण भी दिया।
अब तक 1990 सड़क दुर्घटनाओं की प्रविष्टि दर्ज
झुंझुनूं जिले में अब तक ई-डार ऐप पर कुल 1990 सड़क दुर्घटनाओं की प्रविष्टि दर्ज की जा चुकी है। प्रशिक्षण के दौरान अधिकारियों को विस्तृत जानकारी दी गई कि किस प्रकार से यह एप सड़क सुरक्षा में सुधार करने में सहायक होगा।

यह पांच दिवसीय प्रशिक्षण सत्र गुरुवार से बुधवार तक चलेगा, जिसमें संबंधित विभागों के अधिकारी और अनुसंधानकर्ता भाग लेंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तकनीकी समाधान अपनाना और डेटा-आधारित नीति निर्माण को बढ़ावा देना है।
प्रशासन को उम्मीद है कि ई-डार ऐप का प्रभावी उपयोग सड़क हादसों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।