झुंझुनूं, 10 अप्रैल 2025: जिले में शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारों को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक और सार्थक पहल देखने को मिली जब जिला कलेक्टर रामवतार मीणा ने गुरुवार को बगड़ स्थित पीरामल स्कूल ऑफ लीडरशिप का दौरा किया। इस अवसर पर आयोजित नवाचार प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए उन्होंने इन पहलों को भविष्य की शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला कदम बताया।
शिक्षा नवाचारों की प्रदर्शनी ने बटोरी सराहना
प्रदर्शनी में SEE लर्निंग (Social, Emotional & Ethical Learning), PBL (परियोजना आधारित शिक्षण), समावेशी शिक्षा और मिशन बुनियाद जैसे कार्यक्रमों की झलक प्रस्तुत की गई। इन सभी पहलों का उद्देश्य सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को प्रोत्साहित करना और छात्रों के संपूर्ण विकास की दिशा में कार्य करना है।

गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रही विशेष
इस कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक विप्लव न्यौला, डाइट प्राचार्य सुमित्रा झाझाड़िया, अलसीसर सीबीईओ राजेंद्र कुमार सिंह, विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाचार्य, शिक्षक, छात्र, पिरामल फाउंडेशन के निदेशक घनश्याम सोनी सहित अनेक शिक्षा विशेषज्ञ एवं गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
कलेक्टर का नवाचारों पर ज़ोर
कलेक्टर रामवतार मीणा ने छात्रों और पिरामल गांधी फेलोज़ से संवाद करते हुए उनकी अनुभव यात्राएं सुनीं। अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा,
“सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए नवाचार और तकनीकी एकीकरण की सख्त आवश्यकता है।“
उन्होंने ICT, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, समुदाय आधारित परियोजनाओं और सामाजिक-भावनात्मक शिक्षा जैसे क्षेत्रों को और अधिक सशक्त बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

परींदा स्थापना के ज़रिए पर्यावरण संरक्षण का संदेश
कार्यक्रम के अंत में जिला कलेक्टर ने स्कूल परिसर में पक्षियों के लिए परींदा स्थापित किया, जो कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने की प्रेरणादायक पहल रही। उपस्थितजनों ने इस कार्य को सराहनीय बताया।
अन्य वक्ताओं के विचार
- विप्लव न्यौला ने कहा, “सामाजिक-भावनात्मक एवं नैतिक शिक्षण, बच्चों को समाज से जोड़ने का सशक्त माध्यम है।“
- सीबीईओ राजेंद्र कुमार सिंह ने बताया, “SEE लर्निंग छात्रों के मानसिक तनाव को कम करने में अत्यंत सहायक सिद्ध हो रहा है।“