चिड़ावा। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, जोड़िया में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें मां शारदे के मंदिर का निर्माण और विद्यालय को वाटर कूलर भेंट किया गया। इस आयोजन ने विद्यालय परिसर में एक आध्यात्मिक और सामाजिक चेतना का संचार किया।
भामाशाहों के सौजन्य से हुआ मां शारदे मंदिर का निर्माण
प्रधानाध्यापक सुभाष चंद्र डांगी की प्रेरणा से भामाशाह नेमीचंद बलवदा और महिंद्रा देवी ने अपने दिवंगत माता-पिता महासिंह बलवदा और नानची देवी की स्मृति में मां शारदे के भव्य मंदिर का निर्माण करवाया। यह मंदिर न केवल विद्यार्थियों के लिए आस्था का केंद्र बनेगा, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करेगा।
वाटर कूलर भेंट: विद्यार्थियों के लिए ठंडे जल की सौगात
भामाशाह विजयपाल मीणा ने अपने पिता भगवानाराम की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर विद्यालय को वाटर कूलर भेंट किया। इस पहल से विद्यालय के छात्रों और स्टाफ को गर्मियों में स्वच्छ और ठंडे जल की सुविधा उपलब्ध होगी, जो स्वास्थ्य और स्वच्छता के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मुख्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कैलाश चंद्र शर्मा (सेवानिवृत्त शिक्षा उपनिदेशक) थे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में क्यूम अली (एसीबीईओ चिड़ावा) और कृष्ण कुमार (सरपंच प्रतिनिधि, कीठाना) उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुमन थकान (पीईईओ, कीठाना) ने की। अतिथियों ने विद्यालय में भामाशाहों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्य समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में मददगार होते हैं।
पूर्व में भी किया गया योगदान
भामाशाह बलवदा दंपती द्वारा पूर्व में भी विद्यालय के समस्त विद्यार्थियों को गर्म कपड़े (कोट) और कार्यालय के लिए रिवॉल्विंग चेयर भेंट की गई थी। यह परोपकारी भावना विद्यार्थियों के शैक्षणिक वातावरण को और अधिक सहज और सुविधाजनक बनाने में सहायक रही है।
आभार और सम्मान
प्रधानाध्यापक सुभाष चंद्र डांगी ने भामाशाहों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके इस योगदान से विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी। उन्होंने सभी अतिथियों और उपस्थित ग्रामीणों का भी धन्यवाद दिया।
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य लोग
इस अवसर पर धर्मपाल, देशराज, राधेश्याम, सत्यपाल, प्रदीप, विक्रम, लोकेश, शुभम, अमन बलवदा, विजय कुमार, यशपाल, चंदन, बबली सैनी, मुन्नी देवी, सुमित्रा, मीना कुमारी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।
संचालन और समापन
कार्यक्रम का संचालन कुशलता पूर्वक कंचन स्वामी ने किया, जिन्होंने अतिथियों का परिचय कराते हुए पूरे कार्यक्रम को रोचक और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया।
इस आयोजन ने न केवल विद्यालय को भौतिक सुविधाएं प्रदान कीं, बल्कि समाज में शिक्षा और सेवा के महत्व को भी उजागर किया।