चिड़ावा, 25 अप्रैल: इंसानियत को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है। यहां उप जिला अस्पताल में शाम को एक बुजुर्ग व्यक्ति को लाया गया, जिन्होंने कीटनाशक का सेवन कर लिया था। उप जिला अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों ने बुजुर्ग का उपचार किया, लेकिन हालत गम्भीर होने पर उन्हें झुंझुनू रैफर कर दिया गया है।
मामले की जानकारी लेने पर पता चला कि कलयुगी बेटे की ज्यादतियों से तंग आकर बाप ने अपनी जान देने की कोशिश में यह कदम उठाया है। अस्पताल में बुजुर्ग को उनकी बेटी लेकर पहुंची और उसने ही इस झकझोर देने वाले घटनाक्रम की जानकारी भी दी।
मोई निवासी मनोज देवी ने बताया कि उसके पिता कुरड़ाराम (65 वर्ष) अरड़ावता गांव के रहने वाले हैं और एक किसान हैं। खेती के माध्यम से ही उन्होंने अपने परिवार का भरण पोषण किया, मगर अब उम्र ज्यादा हो गई है तो बेटे और उसके परिवार पर निर्भर हो गये हैं। मनोज देवी ने बताया कि उनका भाई राजेश पुत्र कुरड़ाराम विगत 10 वर्षों से अपने माता-पिता के साथ बदसलूकी कर रहा है।
पीने के पानी पर भी ताला लगा दिया कलयुगी बेटे ने
मनोज देवी के बताए अनुसार कलयुगी बेटे ने मां-बाप का जीना दूभर कर रखा है। यहां तक की भीषण गर्मी में उनके कमरे के लाइट पंखे भी बंद कर दिए जाते हैं। औलाद को जीवन देने वाले माता पिता को अपने ही घर में खाना भी नसीब नहीं है। घटना की जानकारी देते हुए मनोज देवी ने बताया कि आज ही दिन में उनके भाई राजेश ने माता-पिता के पीने के पानी पर भी ताला लगा दिया। लगातार प्रताड़ना से तंग आ कर कुरड़ाराम ने घर में रखे कीटनाशक का सेवन कर लिया।
हालत गंभीर, झुंझुनू रैफर किया
कुरड़ाराम की धर्मपत्नी ने अपनी बेटी मनोज को फोन कर इसकी जानकारी दी, जिसके बाद वो अपने बेटे के साथ ससुराल मोई से अरड़ावता पहुंची। बेटी मनोज अपने पिता को लेकर पहले चिड़ावा थाने गई, जहां उनसे पहले पिता का उपचार करवाने के लिए अस्पताल जाने के लिए कहा गया। इस पर मनोज अपने पिता कुरड़ाराम को लेकर चिड़ावा उप जिला अस्पताल पहुंची। अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में डॉ निर्मला ने प्राथमिक उपचार दिया लेकिन हालत गंभीर होने पर डॉक्टर ने मरीज को झुंझुनू रैफर कर दिया।
बहरहाल रिश्तों को शर्मिन्दा कर देने वाले इस घटनाक्रम की अरड़ावता गांव में सभी भर्त्सना कर रहे हैं।