नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले, जिसमें 28 निर्दोष पर्यटकों की जान गई, के बाद केंद्र सरकार ने तत्काल एक्शन मोड अपनाते हुए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई। बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, टीएमसी के सुदीप बंद्योपाध्याय, AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी समेत सभी प्रमुख विपक्षी दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
इस अहम बैठक में हमले की सर्वसम्मति से निंदा की गई और सभी दलों ने कहा कि वे सरकार द्वारा उठाए जाने वाले कड़े कदमों का पूर्ण समर्थन करेंगे। वहीं विपक्ष ने इस आतंकवादी हमले को इंटेलिजेंस विफलता करार देते हुए सुरक्षा चूक पर कई कड़े सवाल भी उठाए।

❝ सुरक्षा बल कहां थे? इंटेलिजेंस क्यों विफल रही? ❞ – विपक्ष
बैठक में विपक्ष के कई नेताओं ने एक स्वर में सवाल उठाया कि –
“जब अमरनाथ यात्रा शुरू नहीं हुई थी, तो वहां इतने पर्यटक क्यों पहुंचे? सुरक्षा बलों की तैनाती पहले से क्यों नहीं की गई?”
राहुल गांधी ने पूछा –
“घटना स्थल पर सुरक्षाकर्मी तैनात क्यों नहीं थे, जबकि यह क्षेत्र संवेदनशील है?”
वहीं कई दलों ने कहा कि CRPF की तैनाती और इंटेलिजेंस इनपुट पहले से होने चाहिए थे।
सरकार की सफाई: “स्थानीय टूर ऑपरेटर्स ने बिना जानकारी के शुरू की बुकिंग”
गृह मंत्रालय के अनुसार –
“यह रूट सामान्यत: जून में खोला जाता है, जब अमरनाथ यात्रा शुरू होती है। उस समय ही यहां पर नियमित सुरक्षा व्यवस्था की जाती है। लेकिन इस बार 20 अप्रैल से स्थानीय टूर ऑपरेटरों ने बिना सरकार को सूचित किए पर्यटकों की बुकिंग लेनी शुरू कर दी।”
इस कारण स्थानीय प्रशासन को जानकारी नहीं थी, और वहां सुरक्षा बलों की तैनाती नहीं की गई थी। सरकार ने इसे “अनधिकृत टूर गतिविधि” बताते हुए जांच के आदेश दिए हैं।

ओवैसी का सवाल: “इंडस वॉटर ट्रीटी abeyance में रखने का क्या मतलब?”
असदुद्दीन ओवैसी ने बैठक में इंडस वॉटर ट्रीटी को अस्थाई रूप से abeyance (निष्क्रिय) पर रखने को निरर्थक बताया। उन्होंने कहा –
“हमारे पास न पानी रोकने का ढांचा है, न वैकल्पिक प्रबंधन। तो इसका क्या फायदा?”
इस पर सरकार ने जवाब दिया –
“यह कदम भारत की मंशा और भविष्य की रणनीति का संकेत देने के लिए उठाया गया है।”
इंटेलिजेंस ब्यूरो का प्रेजेंटेशन
बैठक में डायरेक्टर, इंटेलिजेंस ब्यूरो ने करीब 15 मिनट का प्रेजेंटेशन दिया, जिसमें बताया गया कि इस हमले की योजना पाकिस्तान समर्थित आतंकी गुटों द्वारा रची गई थी और सुरक्षा व्यवस्था को कैसे चकमा दिया गया।
रिजिजू बोले – “सरकार कड़ी कार्रवाई को तैयार”
बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने मीडिया को बताया –
“रक्षा मंत्री ने पहलगाम हमले और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (CCS) की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी। यह घटना बेहद दुखद है, जिससे पूरा देश व्यथित और चिंतित है। सरकार ने सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं।”