पिलानी: क्षेत्र के छापड़ा गांव में सोमवार को प्रशासन ने अतिक्रमण के विरुद्ध बड़ा अभियान चलाया। यह कार्यवाही तहसीलदार सोनू आर्य की अगुवाई में की गई, जिसमें कुल 135 चिन्हित अतिक्रमण स्थलों में से 17 पर कार्रवाई की गई। बाकी स्थानों पर न्यायिक स्थगन आदेश (स्टे) के चलते फिलहाल कोई तोड़फोड़ नहीं की गई।
अभियान के दौरान पिलानी, सूरजगढ़, चिड़ावा और मंड्रेला से पुलिस बल बुलाया गया था, ताकि मौके पर कानून-व्यवस्था बनी रहे। सुरक्षा के व्यापक प्रबंधों के बीच तहसीलदार सोनू आर्य स्वयं उपस्थित रहकर पूरी प्रक्रिया की निगरानी करती रहीं।
प्रशासन की इस कार्यवाही से प्रभावित लोगों में नाराजगी देखी गई। जिनके मकान या अन्य निर्माण हटाए गए, उन्होंने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। कुछ लोगों ने कहा कि सरकार एक ओर घर देने की बात करती है और दूसरी ओर लोगों के आशियाने उजाड़ रही है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि कई सालों से वे इन जगहों पर रह रहे थे और अचानक हुई इस कार्रवाई से वे बेघर हो गए हैं। उन्होंने प्रशासन से पुनर्वास की मांग की है ताकि प्रभावित परिवारों को राहत मिल सके।
वहीं प्रशासन का कहना है कि यह कार्यवाही कानून के तहत की गई है और केवल उन्हीं स्थानों पर अतिक्रमण हटाया गया है, जिन पर कोई वैध रोक नहीं थी। शेष स्थानों पर न्यायालय से निर्देश मिलने के बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।
गांव में हुई इस कार्रवाई से जहां सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करने की दिशा में प्रशासन ने एक सख्त संदेश दिया है, वहीं इससे प्रभावित परिवारों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं।