नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार के दौरान भारत लगातार अपनी सैन्य क्षमता को उन्नत करने में जुटी हुई है। तीनों सेनाओं—थल सेना, वायु सेना, और नौसेना—की युद्धक क्षमता में विस्तार और आधुनिकीकरण के प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे भारत को वैश्विक सैन्य ताकत के रूप में उभरने में मदद मिल रही है। इन सुधारों के चलते पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान की चिंता भी बढ़ रही है।
तीनों सेनाओं में हो रहा है आधुनिकीकरण
भारतीय सेना के लिए आधुनिकतम हथियार और तकनीक को शामिल करने के कदमों से भारत की रक्षा प्रणाली को मजबूती मिल रही है। उन्नत मिसाइल प्रणाली, नवीनतम लड़ाकू विमान, और हाई-टेक ड्रोन को शामिल कर देश की सुरक्षा को पहले से अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है। वहीं, भारत की नौसेना भी अपनी क्षमता को और मजबूत करने में जुटी है, ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते हस्तक्षेप का प्रभावी रूप से मुकाबला किया जा सके। इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर नजर रखते हुए, भारतीय नौसेना ने नई पनडुब्बियों, युद्धपोतों, और उन्नत मिसाइल प्रणालियों को शामिल करने की योजना बनाई है।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारतीय नौसेना का बढ़ता प्रभाव
चीन के हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते दखल को रोकने के लिए भारतीय नौसेना ने अपनी ताकत बढ़ाने का फैसला किया है। इसके तहत नए युद्धपोतों और उन्नत पनडुब्बियों का निर्माण तेज़ी से किया जा रहा है। नौसेना के लिए अगली पीढ़ी की हथियार प्रणाली और निगरानी तकनीक को शामिल किया जा रहा है, ताकि समुद्री सीमा की सुरक्षा मजबूत की जा सके। विशेषज्ञों का मानना है कि इन प्रयासों से न केवल भारतीय नौसेना की युद्धक क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि यह चीन के आक्रामक रवैये के सामने एक सशक्त संदेश भी देगा।