चिड़ावा, 28 मार्च 2025: चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर शिव नगरी चिड़ावा में नव कुंडात्मक नारायणी महायज्ञ का भव्य आयोजन किया जा रहा है। यह धार्मिक अनुष्ठान 30 मार्च 2025 से प्रारंभ होगा और 5 अप्रैल 2025 को हवन के साथ संपन्न होगा। इस दौरान भक्तजन माँ दुर्गा सप्तशती के मंत्रों से विशेष यज्ञ में भाग लेंगे।

कुंडों का महत्व और प्रकार
महायज्ञ में कुल 9 कुंड बनाए जाएंगे, जिनका विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। प्रत्येक कुंड का अलग उद्देश्य और फल बताया गया है, जैसे:
- गोप कुंड: संतान प्राप्ति के लिए
- पद्म कुंड: लक्ष्मी कृपा के लिए
- त्रिभुज कुंड: शत्रु नाश एवं मित्रता प्राप्ति के लिए
- शंख कुंड: मानसिक शांति और रोग निवारण हेतु
- अष्ट कोण कुंड: मन की शांति एवं आध्यात्मिक उन्नति के लिए
- चतुष्कोण कुंड: समस्त मनोरथ सिद्धि के लिए
- विष्णु शंख कुंड: काम, क्रोध और मोह को नष्ट करने के लिए
विशेष कार्यक्रम और यज्ञ स्थल
मुख्य यजमान माँ भगवती रानी सती नारायणी दादी जी रहेंगी। यज्ञ का आयोजन श्री राधा रमण व बांके बिहारी मंदिर, पावर हाउस के पीछे, भूतनाथ मंदिर के पास, चिड़ावा में किया जाएगा।
भक्तों के लिए विशेष आमंत्रण
आयोजन समिति ने सभी श्रद्धालुओं से यज्ञ में शामिल होने का आह्वान किया है। भक्तजन अपनी सुविधा के अनुसार 1, 2 या 5 दिन तक यज्ञ में भाग लेकर पुण्य लाभ अर्जित कर सकते हैं।

यज्ञ व्यवस्थापक:
- स्वामी राधिका शरण महाराज (रामदेव शास्त्री) – 8192876701
- आचार्य राहुल शास्त्री – 8899645101
- बाल व्यास मनीष महाराज – 7906320232
संस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे आयोजित
हर शाम शाश्वत आरती और रात्रि में नृत्य नाटिका व भजन संध्या का आयोजन भी किया जाएगा, जिससे भक्त आध्यात्मिक आनंद का अनुभव कर सकेंगे।