Friday, March 14, 2025
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चिड़ावा में धुलंडी का उल्लास, रंगों में सराबोर हुआ शहर

चिड़ावा: होली के दूसरे दिन धुलंडी का पर्व चिड़ावा में बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया गया। सुबह होते ही शहर के विभिन्न क्षेत्रों में रंगों की बौछार शुरू हो गई। मुख्य बाजार, कोर्ट रोड, खेतड़ी रोड, पुरानी बस्ती, पिलानी रोड, स्टेशन रोड, झुंझुनूं रोड, गौशाला रोड, अरडावतिया कॉलोनी और टेकड़ा जैसे प्रमुख इलाकों में लोग रंगों में सराबोर नजर आए।

गली-गली में दिखा होली का उल्लास

सुबह से ही गलियों में टोलियां निकल पड़ीं, जो रंगों और गुलाल के साथ होली का आनंद ले रही थीं। डीजे की धुन पर नाचते-गाते लोग पारंपरिक और आधुनिक गीतों पर झूमते दिखे। महिलाओं ने भी इस उत्सव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पालिकाध्यक्ष सुमित्रा सैनी के नेतृत्व में महिलाओं ने एक-दूसरे को रंग लगाकर पर्व की बधाइयां दीं। महिला मंडलों की टोलियां भी इस खास मौके पर एकत्रित होकर उत्सव का आनंद लेती नजर आईं।

फागोत्सव में झूमे श्रद्धालु

विवेकानंद चौक पर विवेकानंद मित्र परिषद द्वारा आयोजित फागोत्सव में लोगों ने पारंपरिक लोकगीतों पर जमकर नृत्य किया। कल्याण राय मंदिर के पास हरे कृष्ण प्रभात फेरी निकाली गई, जिसमें श्रद्धालु भजन-कीर्तन करते हुए रंगों में सराबोर हो गए। भगवान परशुराम मार्ग स्थित परशुराम भवन में ब्रह्म चैतन्य संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भी राजस्थानी धमाल और लोकगीतों पर लोगों ने खूब नृत्य किया और एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाया।

गणमान्य लोग भी बने रंगोत्सव का हिस्सा

इस रंगारंग पर्व में विभिन्न संस्थाओं और प्रमुख व्यक्तियों ने भाग लिया। विवेकानंद मित्र परिषद के संरक्षक रोहिताश्व महला, महेंद्र जोशी, राजेंद्र शर्मा, संजय दाधीच, राजहंस शर्मा, रमेश कोतवाल, ब्रह्म चैतन्य संस्थान अध्यक्ष रामगोपाल मिश्र, रामचंद्र शर्मा, महेश शर्मा धन्ना, दीपक कौशिक, डॉक्टर एल के शर्मा, सुभाष धाबाई, पूर्व पालिका उपाध्यक्ष महेश हिम्मतरामका, प्रोफेसर के एम मोदी, अजीत मुरादपुरिया, वीरेंद्र शर्मा, संजय स्वामी, कपिल शर्मा, नटवर कोतवाल, सोनू निकम, आशीष निकम सहित अन्य गणमान्य लोग भी इस अवसर पर रंगों में सराबोर होकर होली गीतों पर नृत्य करते दिखे।

सामाजिक एकता और भाईचारे का संदेश

इस पर्व में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और एक-दूसरे को रंगों में रंग दिया। धुलंडी के इस पर्व ने न केवल शहरवासियों के बीच आनंद और उल्लास का माहौल बनाया, बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे को भी मजबूत किया। रंगों की इस अनूठी छटा ने चिड़ावा को पूरी तरह होलीमय बना दिया और यह दिन सभी के लिए यादगार बन गया।

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