चिड़ावा: शहर के वार्ड संख्या 13 में मंगलवार को जलापूर्ति को लेकर स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जब एक कमर्शियल भवन में अवैध जल कनेक्शन की शिकायत पर जलदाय विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की। एसडीएम कार्यालय के पास बने ट्यूबवेल से अंबे टावर की इमारत तक गुपचुप तरीके से पानी की सप्लाई की जा रही थी, जिससे पीछे की रिहायशी कॉलोनियों में जल संकट गहरा गया था।
सोमवार को स्थानीय नागरिकों, विशेष रूप से महिलाओं ने विभाग में ज्ञापन सौंपकर विरोध जताया था। उन्होंने स्पष्ट किया था कि जब तक अवैध कनेक्शन नहीं हटते, तब तक उनके घरों में पानी नहीं पहुंचेगा। इस विरोध के दौरान सुरेखा, प्रेम देवी, पूनम राजपूत, सरोज, मुकेश देवी, मुनेश देवी, गीता, दीपिका तंवर, अनीता गोयल, सुमन देवी, मणि देवी, उम्मेद देवी, सविता कंवर और सुमन कंवर सहित अनेक महिलाओं ने मिलकर ट्यूबवेल पर ताला लगा दिया था। लेकिन रात में किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा ताला तोड़कर फिर से ट्यूबवेल चालू कर दिया गया, जिससे स्थानीय लोगों का गुस्सा और अधिक भड़क गया।
मंगलवार को जब जलदाय विभाग की टीम कनिष्ठ अभियंता अनिल फोगाट के नेतृत्व में पहुंची तो भवन संचालकों और स्थानीय निवासियों के बीच जमकर बहस हुई। स्थिति को नियंत्रित करते हुए विभाग ने करीब दो इंच मोटा अवैध कनेक्शन काटा और उसे सीमेंट-कंक्रीट से पूरी तरह बंद कर दिया। एक घंटे से ज्यादा समय तक चली कार्रवाई के बाद लोग शांत हुए और जल संकट से राहत मिलने की उम्मीद जगी।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि यह कोई पहली घटना नहीं है, पूर्व में भी इसी तरह की कार्रवाई की जा चुकी है, लेकिन कुछ समय बाद फिर से अवैध कनेक्शन जोड़ लिए जाते हैं। वार्डवासियों ने इस बार स्थायी समाधान की मांग करते हुए कहा कि प्रशासन को इस मामले में सख्ती से निगरानी रखनी चाहिए।
इस घटनाक्रम ने शहर की जलापूर्ति व्यवस्था में पारदर्शिता और निगरानी की कमी को उजागर कर दिया है। जल जैसी मूलभूत सुविधा को लेकर नागरिकों को बार-बार संघर्ष करना पड़ रहा है, जो चिंताजनक है और व्यवस्था की कमजोरियों पर सवाल खड़े करता है।