चिड़ावा, 6 अगस्त: चिड़ावा कस्बे की मोहनका की ढाणी स्थित सैनी धर्मशाला के सामने वार्ड संख्या 2 और 4 को जोड़ने वाले सार्वजनिक रास्ते पर अधूरी सड़क निर्माण कार्य ने एक बार फिर नगर प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। नगरपालिका द्वारा सड़क के दो टुकड़ों को निर्माण से वंचित छोड़ दिया गया था, जिससे स्थानीय नागरिकों को लंबे समय से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
2 अगस्त को इसी अधूरे निर्माण की वजह से वार्ड संख्या 2 निवासी राधेकांत सैनी की दुर्घटना में मौत हो गई, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। बुधवार को उपखंड अधिकारी नरेश सोनी को चिड़ावा पंचायत समिति कार्यालय में एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें इस लापरवाही की जांच की मांग की गई।
ज्ञापन देने पहुंचे नागरिकों में लक्ष्मीकांत सैनी, अमित कटारिया, संजय कटारिया, मुकेश सैनी, मनोज कटारिया, राकेश सोनी, तेजप्रकाश सोनी, विशाल सैनी, हिमांशु सैनी, सुरेंद्र सैनी और सामाजिक कार्यकर्ता मेहर कटारिया शामिल थे। प्रतिनिधियों ने स्पष्ट रूप से सवाल उठाए कि जब सड़क का निर्माण कार्य किया जा रहा था, तब इस मार्ग के दो हिस्सों को क्यों छोड़ा गया?
ज्ञापन में यह मांग की गई कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और बचे हुए हिस्से का निर्माण तुरंत पूर्ण करवाया जाए। उपखंड अधिकारी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मौजूद नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी को तलब कर आवश्यक निर्देश दिए।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते सड़क का निर्माण पूरा कर दिया गया होता, तो इस हादसे से बचा जा सकता था। अब देखना यह है कि प्रशासन इस लापरवाही पर कितनी सख्ती से कार्रवाई करता है।