Monday, June 30, 2025
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चिड़ावा नगरपालिका में ग्राम पंचायतों के विलय का विरोध, जनप्रतिनिधि हुए लामबंद

चिड़ावा, 31 मार्च 2025: राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे परिसीमन के तहत ग्राम पंचायतों को नगरपालिका में शामिल करने के निर्णय का विरोध शुरू हो गया है। इसको लेकर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने एकजुट होकर आवाज उठाने का निर्णय लिया है।

विरोध प्रदर्शन की तैयारी

इस विरोध की रूपरेखा तैयार करने और आगामी रणनीति पर चर्चा करने के लिए ओजटू, अडुका, सेहीकलां, डालमियों की ढाणी, खेमू की ढाणी और निजामपुरा सहित अन्य गांवों के जनप्रतिनिधियों ने मंगलवार शाम बाईपास रोड स्थित संगम होटल में बैठक आयोजित की। बैठक में निर्णय लिया गया कि बुधवार, 2 अप्रैल को सुबह 10 बजे ग्रामीण बापू बाजार में एकत्र होंगे और वहां से रैली निकालकर एसडीएम कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपेंगे।

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जनप्रतिनिधियों की आपत्ति

ओजटू के सरपंच विनोद डांगी ने कहा कि राज्य सरकार ने बिना ग्रामीणों की राय लिए यह निर्णय लिया है, जो सरासर अन्याय है। उन्होंने नगरपालिका के मौजूदा हालात पर सवाल उठाते हुए कहा कि नगरपालिका चिड़ावा अपने वर्तमान वार्डों को भी सुचारू रूप से संचालित नहीं कर पा रही है, ऐसे में नए क्षेत्रों का विकास कैसे करेगी?

अडुका के पूर्व सरपंच मोहनलाल शर्मा ने कहा कि ग्राम पंचायतों में लोगों के काम सरलता से हो जाते हैं, जबकि नगरपालिका में काम करवाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने सरकार पर ग्रामीणों की अनदेखी का आरोप लगाया और कहा कि वे इस फैसले का पुरजोर विरोध करेंगे।

गांवों में होंगी बैठकें

विरोध प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए मंगलवार को भी गांवों में बैठकें आयोजित की गईं। ओजटू गांव में मंगलवार सुबह 10:30 बजे सत्ता दादा मंदिर में ग्रामीणों की बैठक रखी गई है। इस बैठक में ग्रामीणों को अधिक से अधिक संख्या में विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

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बैठक में शामिल प्रमुख जनप्रतिनिधि

बैठक में उप सरपंच सत्यवीर लमोरिया, पंस सदस्य प्रतिनिधि राजकुमार मेघवाल, पूर्व सरपंच शीशराम डांगी, पूर्व उप प्रधान उमराव सिंह डांगी, पूर्व सरपंच जगदीश बड़सरा, मनोज कुमार, संजय शास्त्री शोभानंद, अमरसिंह तंवर, रतिराम, शीशराम गोस्वामी, राजेश डांगी और पंच सत्यवीर सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में सरकार से इस निर्णय को वापस लेने की मांग की।

ग्राम पंचायतों को चिड़ावा नगरपालिका में शामिल करने के फैसले के खिलाफ ग्रामीणों में आक्रोश है। जनप्रतिनिधियों ने बुधवार को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि यह निर्णय ग्रामीण विकास को बाधित करेगा और प्रशासनिक कार्यों में अनावश्यक जटिलता पैदा करेगा।

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