झुंझुनूं: जिले के चिंचडौली गांव के ग्रामीण अब कथित अवैध खनन के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं। पहाड़ियों में लगातार हो रही ब्लास्टिंग और पत्थरों की खुदाई से गांव की सड़कें टूट गई हैं, घरों की दीवारों में दरारें पड़ गई हैं और किसानों को खेतों में जाना भी खतरनाक लग रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते यह खनन नहीं रुका तो मजबूरन उन्हें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।
अवैध खनन से ग्रामीणों का जीवन प्रभावित
मुरोत का बास की पहाड़ियों में चल रहा कथित अवैध खनन अब ग्रामीणों के लिए बड़ी समस्या बन चुका है। धर्मवीर ने बताया कि पहाड़ी को गहराई तक खोदा जा रहा है और लगातार ब्लास्टिंग की वजह से घरों की दीवारों में दरारें आ चुकी हैं।

सड़कों और खेतों पर खतरा
गांव से जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली मुख्य सड़क ट्रकों और पत्थरों से भरे ट्रोलों की आवाजाही से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। आए दिन पत्थर रास्ते में गिर जाते हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। ग्रामीण प्रेमसिंह और रवि ने बताया कि ब्लास्टिंग से खेतों में उड़ते पत्थरों के डर से कई किसानों ने फसल उगाना भी बंद कर दिया है।
बढ़ रहा प्रदूषण और पानी का संकट
मनोज सिंह और ईश्वर का कहना है कि ट्रोलों से उड़ती धूल और मिट्टी ने वातावरण प्रदूषित कर दिया है। वहीं गहराई तक हुई खुदाई की वजह से इलाके का जलस्तर नीचे जा रहा है। ग्रामीण पप्पू और अनिल ने चेतावनी दी कि आने वाले दिनों में गांव को पीने के पानी की गंभीर समस्या झेलनी पड़ सकती है।
आंदोलन की चेतावनी
ग्रामीण बनवारी, सत्यनारायण, नगेश, ग़ालिब खान, निसार खान और हरपाल ने कहा कि अगर प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। इसी मुद्दे पर सोमवार को ग्रामीण जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे।