जयपुर, राजस्थान: खाटू श्याम और सालासर बालाजी धाम के भक्तों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। जल्द ही गुरुग्राम से सीधे खाटू श्याम जी व सालासर बालाजी के दर्शन के लिए हेलीकॉप्टर टैक्सी सेवा शुरू की जा रही है। इस सेवा के शुरू होने से अब लंबी और थकाऊ सड़क यात्रा से मुक्ति मिलेगी और श्रद्धालु महज 1 से डेढ़ घंटे में अपने आराध्य के दर्शन कर सकेंगे।

तीर्थ यात्रा को मिलेगा नया आयाम
गौरतलब है कि वर्तमान में गुरुग्राम से खाटू श्याम और सालासर धाम तक सड़क मार्ग से पहुंचने में लगभग 5 से 6 घंटे का समय लगता है, जो तीर्थ सीजन में बढ़कर और भी अधिक हो जाता है। लेकिन अब हरियाणा और राजस्थान सरकारों के साझा प्रयास से यह यात्रा एक घंटे से भी कम समय में पूरी की जा सकेगी।
हरियाणा के नागरिक उड्डयन मंत्री विपुल गोयल और राजस्थान सरकार में मंत्री गौतम कुमार ने इस संयुक्त योजना की घोषणा की। दोनों राज्यों के सहयोग से हेलीकॉप्टर टैक्सी सेवा की शुरुआत का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है।
हेलीकॉप्टर टैक्सी सेवा के प्रमुख लाभ
- यात्रा में समय की बचत: सड़क मार्ग की 5-6 घंटे की यात्रा घटकर 1 से डेढ़ घंटे में पूरी होगी।
- श्रद्धालुओं को सहूलियत: बुजुर्ग, बच्चों और व्यस्त समयसारिणी वाले यात्रियों को राहत मिलेगी।
- स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: मंदिरों में दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ने से होटल, रेस्टोरेंट, टैक्सी, दुकानें और अन्य स्थानीय व्यवसायों को लाभ मिलेगा।
- सुरक्षा और सुविधा: यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हेलीपैड, यात्री प्रतीक्षालय और निगरानी व्यवस्था की पुख्ता तैयारी की जा रही है।

इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयारियों में तेजी
हेलीकॉप्टर टैक्सी परियोजना को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए आधारभूत संरचनाएं तैयार की जा रही हैं।
- हेलीपैड्स का निर्माण: गुरुग्राम, खाटू श्याम और सालासर में हेलीपैड्स और एयर ट्रैफिक कंट्रोल से जुड़े उपकरण लगाए जा रहे हैं।
- प्रतीक्षालय और सुविधा केंद्र: यात्रियों के लिए सुरक्षित और आरामदायक लाउंज बनाए जा रहे हैं।
- सुरक्षा व्यवस्था: उड़ान से पहले और बाद में सुरक्षा जांच की विशेष व्यवस्था होगी।
भविष्य की योजनाएं
गुरुग्राम से खाटू और सालासर के बाद अगला कदम अन्य धार्मिक और पर्यटक स्थलों को भी जोड़ने का है।
- गुरुग्राम-चंडीगढ़ और हिसार-चंडीगढ़ के बीच भी हेलीकॉप्टर कनेक्टिविटी पर कार्य चल रहा है।
- इसके अतिरिक्त हिसार-जयपुर, दिल्ली-ऋषिकेश, और गुरुग्राम-हरिद्वार मार्गों पर भी संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।