पिलानी, 8 अप्रैल 2025: गाज़ा पट्टी पर इज़रायली हवाई हमलों में लगातार हो रही बच्चों व महिलाओं की मौत के विरोध में सोमवार को पिलानी कस्बे में एक जोरदार विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया। यह प्रदर्शन ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन तथा डेमोक्रेटिक यूथ ऑर्गेनाइजेशन के संयुक्त आह्वान पर किया गया, जिसमें स्थानीय नागरिकों ने बड़ी संख्या में भागीदारी की।

प्रदर्शन के दौरान “गाज़ा पर हमला बंद करो”, “अमेरिका-इज़रायल गठजोड़ मुर्दाबाद”, “इंसानियत जिंदाबाद” और “साम्राज्यवाद मुर्दाबाद” जैसे नारों से पिलानी की सड़कों पर गूंज सुनाई दी। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर गाज़ा में हो रहे नरसंहार पर कड़ा विरोध दर्ज कराया और विश्व समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की।
इस प्रदर्शन में डॉ. रविकांत पांडे, नंदू सैनी, कुरडाराम, भंवर खान, लारा खान, विष्णु वर्मा, शंकर दहिया, राजेंद्र सिहाग, संदीप शर्मा और साबिर खान सहित अनेक जागरूक नागरिक शामिल हुए। सभी ने एक स्वर में गाज़ा में हो रहे अत्याचार को मानवता के खिलाफ अपराध बताया।
वक्ताओं ने कहा कि गाज़ा में निर्दोष नागरिकों की हत्या किसी भी सभ्य समाज के लिए स्वीकार्य नहीं हो सकती। डॉ. रविकांत पांडे ने अपने वक्तव्य में कहा, “आज मानवता एक गंभीर मोड़ पर खड़ी है — एक ओर शांति और प्रेम की आवाज है, तो दूसरी ओर हिंसा और वर्चस्व की राजनीति। हमें तय करना होगा कि हम किस पक्ष में हैं।”

प्रदर्शनकारियों ने यह भी बताया कि यह विरोध केवल पिलानी तक सीमित नहीं है, बल्कि अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों में भी आम नागरिक सड़कों पर उतरकर गाज़ा के पक्ष में आवाज़ बुलंद कर रहे हैं। पिलानी से दिया गया यह संदेश अब वैश्विक मानवाधिकार आंदोलन का हिस्सा बन रहा है।
स्थानीय नागरिकों ने कहा कि किसी भी धर्म, सिद्धांत या राजनीतिक स्वार्थ के नाम पर निर्दोषों की हत्या को कभी न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता। यह प्रदर्शन एक चेतावनी है कि अब मानवता चुप नहीं बैठेगी।