नई दिल्ली | एक स्कूल के गणतंत्र दिवस कार्यक्रम का एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसने हर किसी को दहला दिया। इस नाटक में बच्चों ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की फांसी को अभिनय के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश की, लेकिन यह परफॉर्मेंस एक खतरनाक मोड़ लेती दिखी।
वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है कि तीन बच्चों को सच में फांसी के फंदे पर टांग दिया गया। जैसे ही उनके पैर हवा में झूलते हैं, दर्शकों में मौजूद कुछ लोग भागकर उन्हें बचाने की कोशिश करते हैं, लेकिन मंच पर मौजूद एक कोट पहने व्यक्ति उन्हें रोकने की कोशिश करता है। कुछ सेकंड बाद वह खुद भी स्थिति की गंभीरता को समझता है और बच्चों को उतारने लगता है।
यह वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर भारी आक्रोश फैल गया। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर यह कैसी लापरवाही थी? क्या आयोजकों ने बच्चों की सुरक्षा का कोई ध्यान नहीं रखा?
कैसे हुआ यह सब? वायरल वीडियो का विश्लेषण
राजस्थान के क्षेत्रीय राजनीतिक दल BAP के मीडिया प्रभारी अश्विनी सोनी ने इस वीडियो को एक्स (पहले ट्विटर) पर @Ramraajya हैंडल से शेयर किया।
- मंच पर गणतंत्र दिवस का बैनर दिख रहा है, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह घटना 26 जनवरी के समारोह की है।
- तीन बच्चों को फांसी के फंदे में झूलते देखा गया, जबकि पास खड़े लोग इसे सामान्य तरीके से देखते रहे।
- एक व्यक्ति ने जब बच्चों को बचाने की कोशिश की तो उसे आयोजकों में से एक व्यक्ति ने रोक दिया।
- कुछ ही क्षण बाद आयोजकों को स्थिति की गंभीरता का अहसास हुआ और वे भागकर बच्चों को बचाने लगे।
- यह साफ नहीं हो पाया है कि बच्चे सुरक्षित हैं या कोई गंभीर चोट आई।
सोशल मीडिया पर मचा तूफान! आयोजकों पर उठे सवाल
वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
- अश्विनी सोनी ने लिखा, “प्रोग्राम के लिए किसी की जिंदगी को यूं खतरे में डालना गलत है। इस घटना की तुरंत जांच होनी चाहिए।”
- जितेंद्र सिंह नाम के व्यक्ति ने भी इसे शेयर करते हुए कहा कि यह भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदान पर आधारित नाटक लग रहा है, लेकिन इतनी लापरवाही स्वीकार नहीं की जा सकती।
- हजारों लोग इस वीडियो को रिशेयर कर आयोजकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
सवालों के घेरे में स्कूल प्रशासन, कहां हुई चूक?
अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह वीडियो किस स्कूल का है और कब का है।
- क्या यह ताजा घटना है या पुराना वीडियो दोबारा वायरल हुआ है?
- बच्चों की सुरक्षा के लिए कोई प्रबंध क्यों नहीं किया गया?
- आयोजकों ने क्या सोचकर असली फांसी के फंदे का इस्तेमाल किया?
- क्या प्रशासन इस मामले की जांच करेगा?
अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं
समाचार झुंझुनू 24 इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता, लेकिन इस घटना ने सुरक्षा मानकों पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
क्या यह सिर्फ एक गलती थी, या आयोजकों की गंभीर लापरवाही? क्या प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई करेगा? या यह घटना भी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनकर खत्म हो जाएगी?
इस सस्पेंस से जल्द पर्दा उठेगा!