नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला जूनियर डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के मामले का स्वतः संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ मंगलवार, 20 अगस्त को इस मामले की सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने ‘ट्रेनी डॉक्टर के रेप एंड मर्डर केस’ के शीर्षक के तहत इस केस को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। यह केस मंगलवार को सुनवाई के लिए तय मुकदमों की सूची में 66वें स्थान पर है, लेकिन पीठ ने इसे प्राथमिकता के आधार पर सुनने का विशेष उल्लेख किया है।
सुप्रीम कोर्ट के स्वतः संज्ञान
सुप्रीम कोर्ट का यह कदम महत्वपूर्ण है क्योंकि अदालत ने बिना किसी औपचारिक याचिका के स्वतः संज्ञान लेते हुए कानूनी कार्रवाई शुरू की है। स्वतः संज्ञान लेने का अर्थ है कि सुप्रीम कोर्ट खुद से ही महत्वपूर्ण सार्वजनिक चिंता के मुद्दों को संबोधित कर सकती है, विशेषकर तब जब मौलिक अधिकार और सुरक्षा का प्रश्न हो। इस मामले में, मेडिकल बिरादरी के मनोबल और सुरक्षा पर घटना के गंभीर प्रभावों के कारण सुप्रीम कोर्ट की भागीदारी आवश्यक हो गई है।
सीबीआई कर रही मामले की जांच
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) इस मामले की जांच कर रही है। सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल एंड कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष से लगातार तीसरे दिन पूछताछ की। समाचार एजेंसी के अनुसार, केंद्रीय एजेंसी ने उनसे घटना से पहले और बाद में किए गए कॉल की डिटेल देने के लिए भी कहा। सीबीआई, घोष के कॉल रिकॉर्ड तक पहुंचने के लिए मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर से संपर्क करने पर भी विचार कर रही है।
मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल से हो रही पूछताछ
रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई ने घोष से शनिवार को लगभग 13 घंटे तक पूछताछ की। रविवार को भी प्रिंसिपल से पूछताछ जारी रही। सीबीआई की जांच का उद्देश्य यह जानना है कि घटना से संबंधित कोई भी महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई जा सके जो मामले को सुलझाने में मदद कर सके।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की हड़ताल
यह खबर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की तरफ से 24 घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के एक दिन बाद आई है। हड़ताल का उद्देश्य ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के विरोध में चिकित्सा समुदाय की एकजुटता और सुरक्षा की मांग करना था।